08.08.2021,Hamari चौपाल
देहरादून। राज्य सरकार की उपेक्षा से बेहद नाराज राज्य आंदोलनकारियों ने रविवार को भारी संख्या में एकत्र होकर सीएम आवास कूच किया। राज्यभर से आंदोलनकारी दून पहुंचे थे। हाथीबड़कला बैरिकेडिंग पर पुलिस और आंदोलनकारियों में आगे बढ़ने को लेकर जोर आजमाइश हुई। इसके बाद आंदोलनकारियों ने सड़क पर ही बैठकर अनशन की घोषणा कर दी। सीएम के प्रतिनिधि बनकर आए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की ओर से वार्ता का आश्वासन देने पर भी राज्य आंदोलनकारी सभी मांगों पर तत्काल निर्णय पर डटे रहे। जब आंदोलनकारियों ने सड़क से हटने से इंकार कर दिया तो पुलिस को पदाधिकारियों को गिरफ्तार करना पड़ा। गिरफ्तारी के दौरान एक बार फिर से पुलिस व आंदोलनकारियों में नोकझोंक हुई। 150 से अधिक आंदोलनकारी गिरफ्तार किए गए, जिन्हें परेड ग्राउंड लाकर छोड़ा गया।
उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर प्रदेशभर के राज्य आंदोलनकारी सुबह दिलाराम चौक मीडो प्लाजा के पास एसबीआई कार्यालय परिसर में जुटे और नारेबाजी करते हुए सीएम आवास की ओर बढ़े। करीब दो-तीन सौ आंदोलनकारियों को हाथीबड़कला में पुलिस ने आगे बढ़ने से रोक दिया। राज्य आंदोलनकारी मंच अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने कहा कि अब मांग पूरी होने तक वह सड़क पर ही डटे रहेंगे, पर पीछे नहीं हटेंगे। आंदोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष रविन्द्र जुगराण ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों को दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के लिए छह साल से लटकाया गया है। राजभवन उसे पास नहीं कर रहा, सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। क्षैतिज आरक्षण का पेंच न सुलझने से कई आंदोलनकारियों को नौकरी से हटाने का नोटिस मिलना शुरू हो गया। मंच के जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा कि अगस्त क्रांति दिवस पर हुए इस प्रदर्शन का उद्देश्य सरकार को यह बताना है कि राज्य आंदोलनकारी एक बार फिर से उत्तराखंड आंदोलन के लिए लड़े गए व्यापक आंदोलन के मूड में है। पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने राज्य आंदोलनकारियों व राज्य के पूरे 4 वर्ष खराब कर दिए। सैकड़ों राज्य आंदोलनकारी बेरोजगार होकर सड़कों पर आने को विवश हैं।