देहरादून,11फरवरी2025(आरएनएस)वन विभाग के भीतर एक नई हलचल मच गई है, जब वन बीट अधिकारी और वन आरक्षी संघ ने फायर सीजन के मद्देनजर अपने अधिकारों और मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार का ऐलान किया। संघ का कहना है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं, तो वे अपने कर्तव्यों से पीछे हटने पर मजबूर होंगे।
संघ का मानना है कि वन बीट अधिकारी वन विभाग का एक महत्वपूर्ण अंग हैं, जिसके बिना विभाग का कार्य सुचारू रूप से चलना मुश्किल है। अधिकारियों द्वारा अपने पदों का दुरुपयोग करना और वन बीट अधिकारियों की अनदेखी से उनकी समस्याएं और बढ़ गई हैं। संघ के सदस्यों का आरोप है कि आग में फंसने की जिम्मेदारी केवल वन आरक्षियों पर ही आती है, जबकि उच्च अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते।
संघ का यह भी कहना है कि 2012 से लगातार वन आरक्षियों को प्रमोशन नहीं मिल पा रहा है, और उन्हें 2016 वाली नियमावली में बदलाव की आवश्यकता है। इस स्थिति को लेकर वन आरक्षी संघ ने अपनी आवाज बुलंद की है और कुछ भी न होने तक संघर्ष करने का संकल्प लिया है।
संघ के अध्यक्ष अनुज कांबोज ने कहा है, “अब कुछ भी हो, हम अपनी मांगों को लेकर पीछे नहीं हटेंगे। सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती बनकर उभरने वाला है, और हम एकजुट होकर अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
संघ के सदस्यों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो वे काम से हटने का रास्ता अपनाएंगे। ऐसे में आगामी दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि वन विभाग वनों की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए क्या कदम उठाता है।