हरिद्वार,25.07.2021,Hamari Choupal
कांवड यात्रा रद होने के बावजूद भी कांवड़ लेने हरिद्वार आये 14 कांवडिय़ों को पुलिस ने पकड़ लिया। सभी के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। वहीं 14 कांवडिय़ों को प्रेम नगर आश्रम में बने क्वारंटाइन सेंटर में क्वांटाइन कराया गया है। दो दुकानदारों के खिलाफ पुलिस ने पुलिस ने केस दर्ज किया है। जिन्होंने कांवडिय़ों को कपड़े बेचे थे। पुलिस ने पहले ही कांवड़ संबंधी सामान बेचने को मना किया था। पुलिस ने कहा कि किसी भी सूरत में कांवडिय़ों को उत्तराखंड जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण की वजह से कांवड़ यात्रा रद होने के बाद पुलिस लोगों को जागरूक करने में भी जुटी हुई है। पूछताछ में कांवडिय़ों ने अपने नाम बृजमोहन यादव पुत्र अमरजीत यादव, सूरज कुमार पुत्र सुरेश, अंशुल सिंह पुत्र अरविंद सिंह, अमन पुत्र राकेश चौहान, विकास पांडे पुत्र विजेंद्र पांडे, भानु सिंह पुत्र राजकुमार सिंह, प्रमोद साहू पुत्र घनश्याम, ओमवीर पुत्र ज्ञान सिंह यादव, धर्मेश पुत्र शिव कुमार, प्रदीप कुमार पुत्र रामनरेश, सुशील पुत्र राजित राम, शैलेश कुमार पुत्र शिव कुमार, अरविंद कुमार पुत्र जयचंद, अंकुर शर्मा पुत्र वीरपाल निवासीगण कुंडली जिला सोनीपत हरियाणा बताया है। वहीं दो दुकानदार राहुल सैनी पुत्र कुंवर सेन निवासी निपनिया थाना शहजाद नगर जिला रामपुर उत्तर प्रदेश और तोतीराम सैनी पुत्र फूल सिंह सैनी निवासी हरिपुर कला थाना रायवाला देहरादून के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। कांवडिय़ों को हरिद्वार आने से रोकने के लिए कांवड़ मेला क्षेत्र को 4 सुपर जोन, 18 जोन और 41 सेक्टर में विभाजित किया गया है। जनपद की सीमा एवं हरकी पैड़ी समेत अन्य घाटों में कांवडिय़ों के प्रवेश पर प्रतिबंध है। संबंधित स्थानों पर शांति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए जनपद एवं गैर जनपदों से नियुक्त किये जाने वाले पुलिस बल, प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारियों को अपने दायित्वों को सही प्रकार से निर्वाह्न करना है। सीमा पर प्रशासन, पुलिस बल आपसी समन्वय बनाते हुए किसी भी सूरत में कांवडिय़ों को जनपद में प्रवेश नहीं होने देंगे। साथ ही सीमावर्ती जनपद की सीमाओं पर नियुक्त पुलिस बल से भी सूचनाओं का आदान प्रदान करते हुए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। डीएम ने कहा कि किसी भी प्रकार से शांति व्यवस्था के प्रभावित होते ही उसकी सूचना तत्काल जोन -सेक्टर प्रभारी को दें। गुरु पूर्णिमा से पहुंच जाते थे कांवडिय़े : पहले गुरु पूर्णिमा के दिन ही कांवडिय़े गंगा जल लेने को पहुंचने शुरू हो जाते थे। दूसरे साल भी कांवड़ के न आने से व्यापारी मायूस नजर आ रहे हैं।