HamariChoupal,16,07,2025
देहरादून। राज्य में शिक्षा विभाग की लापरवाही और बेरुखी के चलते यूकेएसएसएससी परीक्षा उत्तीर्ण 1352 एलटी चयनित अभ्यर्थी बीते कई महीनों से नियुक्ति पत्र के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। तेज बारिश, प्रशासन की उदासीनता और सरकारी चुप्पी के बीच अभ्यर्थी खुले आसमान के नीचे धरना देने को विवश हैं। ऐसे कठिन समय में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने शिक्षा निदेशालय पहुंचकर आंदोलनरत युवाओं को न केवल समर्थन दिया, बल्कि नियुक्ति पत्र जारी करवाने तक सड़क से सदन और न्यायालय तक संघर्ष का संकल्प लिया।
करण माहरा ने अभ्यर्थियों की पीड़ा को साझा करते हुए कहा,“1352 शिक्षित युवाओं ने सरकारी प्रक्रिया से चयन प्राप्त किया है, लेकिन छह महीने बीत जाने के बावजूद नियुक्ति पत्र नहीं मिलना शर्मनाक है। बरसात में भीगते हुए, खुले आसमान के नीचे बैठे इन अभ्यर्थियों को देख कर मन व्यथित है। कांग्रेस पार्टी हर मंच पर इनकी लड़ाई लड़ेगी—चाहे मुख्यमंत्री से मिलना पड़े या राज्यपाल से।”
वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने स्पष्ट किया कि पार्टी इस एक सूत्रीय मुद्दे को लेकर सरकार पर हर स्तर पर दबाव बनाएगी।“चाहे न्यायालय हो, विधानसभा या सड़क—हर मोर्चे पर कांग्रेस चयनित एलटी शिक्षकों के साथ खड़ी है। 25 जुलाई को जब नैनीताल हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई होगी, तब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राज्य सरकार का महाधिवक्ता पूरी गंभीरता से पैरवी करे। यदि फिर भी न्याय नहीं मिला तो आगामी मानसून सत्र में यह मुद्दा जोरशोर से उठाया जाएगा।”

कांग्रेस नेताओं ने यह भी ऐलान किया कि यदि 25 जुलाई तक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं होती तो विधानमंडल दल के माध्यम से सरकार को सदन में कटघरे में खड़ा किया जाएगा और युवाओं के हक के लिए कांग्रेस युद्ध स्तर पर आंदोलन छेड़ेगी।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार सरदार अमरजीत सिंह, महासचिव नवीन जोशी, महानगर कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. जसविंदर सिंह गोगी, श्रम प्रकोष्ठ अध्यक्ष दिनेश कौशल, अनुसूचित जाति विभाग अध्यक्ष मदन लाल, प्रवक्ता गिरिराज किशोर हिंदवाण सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
धरने में एलटी चयनित अभ्यर्थियों की भी भारी भागीदारी रही जिनमें रोहित असवाल, गौरव नौटियाल, जोगेंद्र नाथ, रमेश पांडे, बलदेव पंवार, नरेंद्र सिंह, विवेक उनियाल, आरती असवाल समेत दर्जनों अभ्यर्थी शामिल रहे। सभी का एक ही स्वर था—“हमारे चयन को अब नियुक्ति में बदला जाए, न्याय में देरी अन्याय है।”