Hamarichoupal,11,07,2025
उत्तराखंड के हरिद्वार और रुड़की में राज्य कर विभाग ने एक बड़े फर्जी खरीद घोटाले का पर्दाफाश किया है। आयुक्त राज्य कर सोनिका के निर्देश पर मिश्र धातु (एलॉय) से इंगट बनाने और वर्क कांट्रैक्ट से जुड़ी चार फर्मों पर छापेमारी की गई, जिसमें 1.54 करोड़ रुपये की कर चोरी का मामला सामने आया है। इस कार्रवाई ने न केवल फर्जी बिलिंग और टैक्स चोरी के नेटवर्क को उजागर किया, बल्कि राज्य में अवैध व्यापारिक गतिविधियों पर सख्ती से नकेल कसने की सरकार की मंशा को भी दर्शाया।
छापेमारी का विवरण
राज्य कर विभाग की विशेष टीम ने हरिद्वार और रुड़की में चार संदिग्ध फर्मों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। ये फर्में मिश्र धातु से इंगट निर्माण और वर्क कांट्रैक्ट के कारोबार से जुड़ी थीं। जांच में पता चला कि ये फर्में फर्जी बिलिंग के जरिए टैक्स चोरी कर रही थीं। विभाग को शक था कि इन फर्मों ने फर्जी खरीद दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दुरुपयोग किया और सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया।
छापेमारी के दौरान निम्नलिखित तथ्य सामने आए:
1. **फर्जी बिलिंग का जाल**: फर्मों ने कागजों पर फर्जी खरीद दिखाई, जिसमें माल की वास्तविक आपूर्ति नहीं हुई थी। ये फर्जी बिल लाखों रुपये के थे, जिनका उपयोग टैक्स क्रेडिट हासिल करने के लिए किया गया।
2. **1.54 करोड़ की कर चोरी**: प्रारंभिक जांच में 1.54 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ। यह राशि फर्जी लेनदेन और गलत तरीके से लिए गए इनपुट टैक्स क्रेडिट से संबंधित है।
3. **दस्तावेजों की जब्ती**: छापेमारी में फर्मों के कार्यालयों से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, बिल बुक, और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जब्त किए गए, जिनका अब गहन विश्लेषण किया जा रहा है।
आयुक्त राज्य कर सोनिका की भूमिका
आयुक्त राज्य कर सोनिका ने इस कार्रवाई को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई। उनके निर्देश पर गठित विशेष टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। सूत्रों के अनुसार, विभाग को लंबे समय से इन फर्मों की गतिविधियों पर नजर थी, और पुख्ता सबूत जुटाने के बाद यह कार्रवाई की गई। सोनिका ने स्पष्ट किया कि टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी, और भविष्य में भी ऐसी छापेमारियां की जाएंगी।
फर्जी खरीद का तरीका
जांच में सामने आया कि ये फर्में फर्जी कंपनियों के नाम पर बिल बनाकर टैक्स चोरी कर रही थीं। इन फर्मों ने कागजों पर माल की खरीद-बिक्री दिखाई, लेकिन वास्तव में कोई माल मौजूद नहीं था। इस तरह की फर्जी बिलिंग का उपयोग करके फर्में इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करती थीं, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था। यह घोटाला मिश्र धातु और वर्क कांट्रैक्ट के क्षेत्र में विशेष रूप से देखा गया, जहां लेनदेन की मात्रा और राशि काफी बड़ी होती है।यह कार्रवाई संयुक्त आयुक्त आरएल वर्मा के नेतृत्व में की गई। टीम में उपायुक्त कार्तिकेय वर्मा, सहायक आयुक्त अंजनी कुमार सिंह, सुरेंद्र सिंह राणा, मोहम्मद इमरान, राज्य कर अधिकारी नितिन कुमार, अर्शित गोंडवाल और कुलदीप सिंह रावत शामिल रहे।
प्रभाव और अगले कदम
इस छापेमारी ने उत्तराखंड में टैक्स चोरी के खिलाफ चल रही मुहिम को और मजबूत किया है। विभाग अब इन फर्मों के मालिकों और संचालकों से पूछताछ कर रहा है। साथ ही, फर्जी बिलिंग के नेटवर्क में शामिल अन्य संदिग्ध फर्मों और व्यक्तियों की भी जांच की जा रही है। जब्त किए गए दस्तावेजों का विश्लेषण कर यह पता लगाया जाएगा कि इस घोटाले का दायरा कितना बड़ा है और इसमें कितने लोग शामिल हैं।
हरिद्वार और रुड़की में कारोबार पर प्रभाव
हरिद्वार और रुड़की औद्योगिक और व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। यहां मिश्र धातु और वर्क कांट्रैक्ट से जुड़े कई कारोबार सक्रिय हैं। इस छापेमारी से न केवल इन फर्मों पर कानूनी शिकंजा कसा गया है, बल्कि अन्य कारोबारियों को भी सतर्क रहने का संदेश दिया गया है। ईमानदार कारोबारियों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है, क्योंकि फर्जी बिलिंग से बाजार में अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा होती है।