04.0.2021,Hamari Choupal
भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में नेता चुने गए पुष्कर सिंह धामी आज यानी रविवार की शाम पांच बजे के बाद राजभवन में आयोजित एक समारोह में उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री की पद और गोपनीयता की शपथ ली। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उन्हें शपथ दिलाई।
धामी के साथ उनके मंत्रिपरिषद के सदस्यों के रूप में सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, बंशीधर भगत, यशपाल आर्य, बिशन सिंह चुपाल, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडे, गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, रेखा आर्य, यतीश्वरानंद ने भी शपथ ली। यानी पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत के कार्यकाल के मंत्रिपरिषद को रिपीट किया गया है। इससे पहले धामी के विधायक दल का नेता चयनित किए जाने से नाराज विधायकों को मनाने का दौर पूरे दिन भर चलता रहा। इसका असर ये हुआ कि नाराज विधायक शपथ ग्रहण समारोह में पहुंच गए थे। धामी उत्तराखंड के सबसे कम उम्र वाले मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया। वह 45 साल की उम्र में सीएम बने। इससे पहले रमेश पोखरियाल निशंक 49 साल की उम्र में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे। 70 विधानसभा सीट वाले उत्तराखंड में 57 विधायक भाजपा के हैं। साढ़े चार साल में भाजपा ने तीसरा सीएम दिया है। इससे पहले आज सुबह से पुष्कर सिंह धामी निवर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के भागीरथीपुरम स्थित आवास, पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चन्द्र खंडूरी के बसन्त विहार स्थित आवास पर, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास पर गए। उन्होंने इन पूर्व सीएम से शिष्टाचार भेंट की।
पुष्कर सिंह धामी का मंत्रिमंडल
सतपाल महाराज
हरक सिंह रावत
बंशीधर भगत
यशपाल आर्य
बिशन सिंह चुफाल
सुबोध उनियाल
अरविंद पाण्डेय
गणेश जोशी
धन सिंह रावत
रेखा आर्य
यतीश्वरानंद
उत्तराखंड में बीस साल में 11 मुख्यमंत्री
उत्तराखंड राज्य बने 20 साल हुए और यहां 11 बार सीएम बनाए गए। इनमें पुष्कर सिंह धामी 11वें मुख्यमंत्री हैं। इनमें कांग्रेस ने अपने दस साल के शासन में तीन मुख्यमंत्री दिए, जबकि भाजपा ने दस साल में आठ सीएम दिए।
नित्यानंद स्वामी
नौ नवंबर 2000 को देश के 27वें राज्य के रूप में पैदाइश हुई थी उत्तराखंड की। तब पहली अंतरिम सरकार बनाने का मौका मिला भाजपा को और पहले मुख्यमंत्री बने नित्यानंद स्वामी। कुछ ही महीनों में भाजपा में स्वामी की मुखालफत शुरू हो गई। अंतत: एक साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही अक्टूबर 2001 में स्वामी की विदाई हो गई।
भगत सिंह कोश्यारी
और उनके उत्तराधिकारी बने भगत सिंह कोश्यारी। कोश्यारी को लगभग चार महीने का ही कार्यकाल मिला, क्योंकि वर्ष 2002 की शुरुआत में हुए पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा सत्ता से बेदखल हो गई।
नारायण दत्त तिवारी
कांग्रेस के सत्ता में आने पर नारायण दत्त तिवारी राज्य के तीसरे मुख्यमंत्री बने। तिवारी अब तक अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।
भुवन चंद्र खंडूड़ी
वर्ष 2007 के दूसरे विधानसभा चुनाव में फिर भाजपा को सरकार बनाने का मौका मिला। भाजपा ने तत्कालीन सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी को मुख्यमंत्री बनाया मगर सवा दो साल बाद जून 2009 में खंडूड़ी को हटा दिया गया।
रमेश पोखरियाल निशंक फिर खंडूड़ी
इसके बाद मुख्यमंत्री के रूप में रमेश पोखरियाल निशंक की ताजपोशी कर दी गई। निशंक को भी लगभग सवा दो साल ही इस पद पर रहने का मौका मिला और सितंबर 2011 में फिर खंडूड़ी को दोबारा भाजपा ने सरकार की कमान सौंप दी।
विजय बहुगुणा
वर्ष 2012 के तीसरे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आई। कांग्रेस ने भी विधायक के बजाय एक सांसद विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री बनाया। बहुगुणा मार्च 2012 से जनवरी 2014 तक कुर्सी पर रहे। कांग्रेस में अंदरूनी कलह के कारण उन्हें पद छोड़ना पड़ा।
हरीश रावत
हरीश रावत फरवरी 2014 में मुख्यमंत्री बन गए। वर्ष 2017 के चौथे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सत्ता से विदाई हुई और फिर अवसर मिला भाजपा को।
त्रिवेंद्र सिंह रावत
इस बार भाजपा ने विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत को मार्च 2017 में मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी। चार साल का कार्यकाल पूरा करने से कुछ ही दिन पहले नौ मार्च 2021 को त्रिवेंद्र को अप्रत्याशित घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री पद गंवाना पड़ा।
तीरथ सिंह रावत
10 मार्च को तीरथ सिंह रावत राज्य के 10वें मुख्यमंत्री बने और महज 114 दिन में उनकी विदाई की पटकथा लिख दी गई।
पुष्कर सिंह धामी
04 जुलाई 2021 को अब नए सीएम के रूप में पुष्कर सिंह धामी शपथ ले रहे हैं। वह उत्तराखंड के 11वें सीएम होंगे।