रुद्रप्रयाग, हमारी चौपाल संवाददाता।
केदारनाथ जैसे पवित्र धाम की यात्रा के नाम पर अब कुछ लोग खुलेआम अपवित्र मंसूबे लेकर पहुंच रहे हैं। हिमाचल प्रदेश से निकला एक ट्रक कई पुलिस बैरियर पार कर गौरीकुंड तक पहुंच गया और उसके भीतर भूसे के नीचे छिपाकर लाई जा रही थी शराब की भारी खेप। मामला सामने आते ही न सिर्फ पुलिस की सतर्कता पर, बल्कि सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
गौरीकुंड चौकी प्रभारी सूरज कंडारी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने जब ट्रक नंबर HP34 E 4859 की तलाशी ली तो उसमें से 24 पेटी अवैध शराब (कुल 288 बोतलें) बरामद हुईं। शराब को इस तरह भूसे के नीचे छिपाया गया था कि कोई आसानी से पकड़ न सके। इस ट्रक को दो नेपाली नागरिक चला रहे थे – प्रमोद गंधर्वा और चेतन, दोनों हिमाचल प्रदेश के मनाली में रह रहे थे।
पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ कि केदारनाथ यात्रा के नाम पर ये लोग केवल अवैध शराब की तस्करी कर मोटा मुनाफा कमाने का खेल खेल रहे थे। उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और ट्रक को भी सीज कर लिया गया है। उनके खिलाफ उत्तराखंड आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
मुख्य सवाल उठता है कि —
हिमाचल प्रदेश से उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड तक इस ट्रक ने कितने पुलिस नाके पार किए? और किसी भी चेकपोस्ट पर यह अवैध खेप पकड़ी क्यों नहीं गई? क्या यात्रा मार्गों पर सुरक्षा केवल औपचारिकता बनकर रह गई है?
पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रहलाद कोंडे ने बताया कि यात्रा काल में अब तक 21 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, 1526 बोतल शराब बरामद की गई है और 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अब तक कुल 8 वाहन सीज किए जा चुके हैं। लेकिन यह घटना बताती है कि तस्कर अब यात्रा की आड़ लेकर इस पवित्र धाम को भी नहीं बख्श रहे।
केदारनाथ जैसे श्रद्धा और आस्था के प्रतीक स्थल पर शराब की खेप पहुंचना न केवल कानून व्यवस्था की विफलता है, बल्कि यह सामाजिक और नैतिक मूल्यों पर भी करारा प्रहार है।