03.0.2021,Hamari Choupal
उत्तराखंड में पांच सालों के लिए चुनी हुई प्रचंड बहुमत वाली सरकार में साढ़े चार साल में तीसरे मुख्यमंत्री का तोहफा देने वाली भाजपा असल में उत्तराखंड को अपनी राजनीति की प्रयोगशाला समझती है। सारे ऊट पटांग प्रयोग उत्तराखंड में ही करती है। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने उत्तराखंड में सीएम का चेहरा बदलने पर भाजपा पर ये आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि आज तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में खटीमा के विधायक पुष्कर सिंह धामी के चयन किया गया। कहा कि व्यक्तिगत रूप से वे नव नियुक्त मुख्यमंत्री को एक अच्छा इंसान और एक युवा उदीयमान नेता मानते हैं।
व्यक्तिगत रूप से उनसे बहुत मधुर संबंध हैं। एक संकट ग्रस्त राज्य उत्तराखंड में बेरोजगारी दर 11 प्रतिशत, महंगाई दर राष्ट्रीय महंगाई दर से भी ज्यादा, धवस्त पड़ी स्वास्थ्य सेवाएं, कोरोना से हुई व्यापक तबाही व मौतें इतनी बड़ी समस्याएं खड़ी हैं। ऐसे समय पर राज्य की बागडोर एक अनुभवहीन विधायक को सौंपना अपने आप में आश्चर्य की बात है।
उन्होंने कहा कि निवर्तमान मुख्यमंत्री ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि संवैधानिक संकट हो गया है। तो क्या भाजपा राष्ट्रीय नेतृत्व का ऐसा मानसिक और बौद्धिक दिवालियापन हो चुका है कि उनको इस बात का पता नहीं था कि अगर तीरथ सिंह सलट से चुनाव नहीं लड़ेंगे तो उनके सामने यह मुश्किल खड़ी होगी।
धस्माना ने कहा कि सबसे मजेदार बात पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने कही कि वे थक गए थे। इसलिए उनको हटा कर ऊर्जावान तीरथ सिंह जी को मुख्यमंत्री बनाया है। अब हाल ये है कि ऊर्जावान मुख्यमंत्री को भाजपा ने चार महीनों में चलता कर दिया। अब एक अनुभवहीन मुख्यमंत्री को राज्य में संकटकाल में बागडोर सौंप दी।
धस्माना ने नए मुख्यमंत्री नियुक्त पुष्कर धामी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बचे खुचे कार्यकाल में वे बजाय भाजपा की अपेक्षाओं को प्राथमिकता देने के राज्य की जनता, राज्य के किसान व नौजवानों के हितों के लिए अगर काम करेंगे तो निश्चित रूप से उन्हें खुशी होगी।