Hamarichoupal,22,06,2025
देहरादून। कैंची धाम का जाम पूरे कुमाऊं मंडल के पर्यटन कारोबार के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गया है। इस जाम से अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ का पूरा पर्यटन कारोबार ठप हो गया है। पर्यटक जागेश्वर, अल्मोड़ा, रानीखेत, कौसानी, चैकोड़ी, मुनस्यारी, पाताल भुवनेश्वर जाने से बच रहे हैं। कैंची में आधा घंटे के सेल्फी टूरिज्म से न कारोबार और न ही स्वरोजगार को बढ़ावा मिल रहा है। दूसरी ओर चार धाम यात्रा रुट पर निर्बाध रूप से यात्रा संचालन का लाभ इस बार आस पास के दूसरे धार्मिक पर्यटन स्थलों को भी मिल रहा है। अकेले कार्तिकेय स्वामी मंदिर में अभी तक 2.60 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन को आ चुके हैं।
कैंची धाम के दर्शन को जहां पहले सीमित संख्या में लोग आते थे, वहां क्रिकेट सुपर स्टार विराट कोहली के दर्शन करने के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी आई है। विराट कोहली से पहले एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स 1974 में कैंची धाम आए थे। स्टीव जॉब्स की यात्रा को सोशल मीडिया में प्रचार मिलने के बाद यहां श्रद्धालुओं की भीड़ तेजी के साथ बढ़ने लगी। अब ये भीड़ पूरे कुमाऊं मंडल के पर्यटन कारोबार से लेकर लोगों के आम जनजीवन को जबरदस्त तरीके से प्रभावित कर रही है। कैंची में लगने वाला जाम भवाली, नैनीताल, भीमताल, काठगोदाम क्षेत्र तक में दिक्कत खड़ी कर रहा है। ऐसे में अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ से आने वालों और नैनीताल, भवाली, भीमताल, हल्द्वानी से आने वाले श्रद्धालुओं को चार से पांच घंटे तक जाम में फंसना पड़ रहा है।
कैंची धाम के स्थापना दिवस 15 जून को लेकर तो पुलिस, प्रशासन को युद्धस्तर पर जाम से निपटने की तैयारी करनी होती है। दो से तीन दिन तक पूरा क्षेत्र जाम से पूरी तरह पैक हो जाता है। पैदल चलने तक में दिक्कत पेश आती है। पर्यटकों की कैंची धाम में आने वाली इस भीड़ का स्थानीय पर्यटन कारोबार को कोई खास लाभ नहीं होता। क्योंकि अधिकतर पर्यटक रामपुर, मुरादाबाद, बरेली से दोपहिया वाहनों से महज आधा घंटा के लिए यहां पहुंचते हैं। 10 मिनट दर्शन करने के बाद 10 मिनट सेल्फी लेने के साथ नींबू पानी, खीरा, आलू छोले खाने के बाद निकल जाते हैं। ऐसे में ये भीड़ स्थानीय कारोबार को बढ़ावा देने में कोई बहुत बड़ा योगदान नहीं देती। उल्टा इस भीड़ के कारण अल्मोड़ा में कसार देवी, जागेश्वर, डोल आश्रम, रानीखेत, बिनसर क्षेत्र का पर्यटन कारोबार ठप कर दिया है। इस साल जागेश्वर धाम में महज 58 हजार श्रद्धालु ही दर्शन को पहुंचे हैं।
बागेश्वर में कौसानी आने वाले पर्यटक अब यहां आने से कतरा रहे हैं। जबकि कश्मीर में पर्यटन कारोबार प्रभावित होने के बाद वहां जाने वाले पर्यटक सबसे अधिक कौसानी को पसंद करते हैं। लेकिन इस जाम ने यहां भी पर्यटन कारोबार के लिए संकट खड़ा कर दिया है। चैकोड़ी, पाताल भुवनेश्वर, मुनस्यारी, खलियाटॉप जाने वाले पर्यटक भी जाम से जूझने से बचने को यहां से किनारा कर रहे हैं।
दूसरी ओर गढ़वाल मंडल में यातायात जाम की समस्या न होने के कारण चार धाम यात्रा में पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। प्रयागराज महाकुंभ, भारत पाक युद्ध के बावजूद इस बार भी रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु दर्शन को पहुंच रहे हैं। अभी तक 33.62 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इसके साथ ही 45.27 लाख श्रद्धालु पंजीकरण करवा चुके हैं। चार धाम यात्रा का कारोबार एक हजार करोड़ से अधिक का पहुंच चुका है। अकेले केदारनाथ धाम में ही 50 दिनों के भीतर कारोबार 300 करोड़ से अधिक पहुंच गया है। इस बार कार्तिकेय स्वामी के दर्शन तक को अभी तक 2.67 लाख श्रद्धालु आ चुके हैं। जबकि 2022 में ये संख्या 50 हजार के आस पास ही थी। न सिर्फ चार धाम यात्रा, बल्कि चकराता, मोरी, हर्षिल, टिहरी झील, धनोल्टी, लैंसडोन, खिर्सू, मसूरी, ऋषिकेश में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं।