देहरादून। राष्ट्रपति निकेतन, देहरादून में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने शिष्टाचार भेंट की। यह एक प्रकार का एक आत्मीय और ऐतिहासिक अवसर रहा, जिसमें संवाद ने दर्शन का रूप ले लिया। इस अवसर पर डा. निशंक का राष्ट्रपति से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के विविध पक्षों, उनके उत्तराखंड प्रवास, वैदिक परंपरा की समकालीन प्रासंगिकता, विश्वशांति, भारतीय ज्ञान परंपरा और वर्तमान वैश्विक संदर्भ में भारत की भूमिका जैसे गूढ़ और दूरदृष्टिपूर्ण विषयों पर भी सारगर्भित चर्चा हुई।
राष्ट्रपति का चिंतन न केवल विद्वतापूर्ण था, बल्कि उसमें भारतीय आत्मा की गूंज स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रही थी। उनकी विनम्रता, सहजता और राष्ट्र के प्रति समर्पित दृष्टिकोण अत्यंत प्रेरणादायक है। चर्चा के इस सारगर्भित क्रम में डा. निशंक ने राष्ट्रपति को हिमालय की गोद में स्थित भारतवर्ष के प्रथम लेखक गांव (थानों, देहरादून) में आने का निमंत्रण भी दिया, जो साहित्य, संस्कृति एवं भारतीय मनीषा के संरक्षण और संवर्धन हेतु समर्पित एक दिव्य प्रयास है। इस अवसर पर लेखक गाँव की निदेशक विदुषी निशंक व आर्यन देव उनियाल भी उपस्थित रहे।
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डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने की द्रोपदी मुर्मू से शिष्टाचार भेंट
कुछ क्षण केवल व्यक्तिगत नहीं होते वे विचारों, संस्कारों और संकल्पों के संगम बन जाते
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