देहरादून,08फरवरी2025(आरएनएस) 38वें राष्ट्रीय खेलों में एक बेहद प्रेरणादायी कहानी सामने आई है। उत्तराखंड की एक बेटी सोनिया ने बिना उचित जूतों के 10,000 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
साइज की दिक्कत बनी चुनौती
सोनिया को खेल किट तो मिली, जिसमें सब कुछ था, लेकिन उनके जूते का साइज (3 नंबर) उपलब्ध नहीं था। बिना सही जूतों के दौड़ना एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन सोनिया ने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत के दम पर मेडल जीता।
खेल सचिव ने निभाया वादा
जब यह खबर 38वें राष्ट्रीय खेलों के विशेष प्रमुख सचिव खेल सचिन अमित सिन्हा तक पहुंची, तो उन्होंने तुरंत सोनिया की मदद करने का फैसला किया। उन्होंने सोनिया को अपने कार्यालय में बुलाया और उसे नए जूते भेंट किए।
सम्मान और नौकरी का तोहफा
इतना ही नहीं, सिन्हा ने सोनिया को 6 लाख रुपये और एक नौकरी देने का भी ऐलान किया। अमित सिन्हा ने बातचीत के दौरान कहा कि सोनिया ने राज्य का नाम रोशन किया, उसका सम्मानित होना अत्यंत महत्वपूर्ण था, और सरकार हमेशा सोनिया जैसी मेहनती खिलाड़ियों के समर्थन में खड़ी रहेगी।
प्रेरणा का स्रोत
सोनिया की कहानी और खेल सचिव सिन्हा की तत्परता दोनों ही बेहद प्रेरणादायी हैं। यह साबित करता है कि अगर हौसले बुलंद हों, तो मुश्किलों को भी हराया जा सकता है।