नईदिल्ली,10 जून (आरएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) के घोटाले में 100 करोड़ रुपये की कीमत वाली 92 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है।
ईडी ने यह कार्रवाई रविवार 9 जून को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत की है, जो मैसूर में लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर शुरू की गई जांच से उपजी है।
घोटाले में कथित तौर पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का नाम भी शामिल है।
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि कुर्की की कार्रवाई उन विचाराधीन संपत्तियों पर की गई हैं, जो मुडा स्थल हैं और आवास सहकारी समितियों और कुछ व्यक्तियों के नाम पर पंजीकृत हैं।
बताया जा रहा है कि ये लोग मुडा के अधिकारियों सहित प्रभावशाली व्यक्तियों के मुखौटे या दलाल बताए जाते हैं।
बता दें कि लोकायुक्त द्वारा एफआईआर दर्ज करने के बाद ईडी ने इसकी जांच शुरू की है।
सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के पास कर्नाटक के मैसूर के केसारे गांव में 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन थी, जो उनके भाई मल्लिकार्जुन ने उपहार में दी थी।
इस जमीन को मुडा ने विकास के लिए अधिग्रहित किया था, जिसके बदले पार्वती को विजयनगर तीसरे और चौथे चरण के लेआउट में 38,283 वर्ग फीट की जमीन दी गई।
आरोप है कि केसारे गांव की तुलना में इस जमीन की कीमत काफी ज्यादा है। मामले में ईडी जांच कर रही।
सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून कार्यकर्ता कृष्णा ने मामले में लोकायुक्त, सीबीआई या किसी अन्य एजेंसी से जांच की मांग की थी, जिसके बाद एक विशेष कोर्ट ने सितंबर, 2024 को लोकायुक्त पुलिस को जांच सौंपी।
आरोप था कि मैसूर के बाहरी इलाके में जमीन के बदले एक पॉश इलाके में भूखंड देने से राज्य को 45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
मामले में सिद्धारमैया, पार्वती, उनके बेटे एस यतींद्र और शहरी विकास निकाय के वरिष्ठ अधिकारियों पर आरोप था।
नईदिल्ली : ईडी ने मुडा मामले में 100 करोड़ रुपये की कीमत वाली 92 संपत्तियों को जब्त किया
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