वाराणसी,Hamari Choupal,02,03,2022
बीएलडब्ल्यू से सेवानिवृत्त शिक्षक डॉ कृष्ण प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा रचित व विधिवत तैयार किया गया विक्रम संवत तथा कृष्ण व शुक्ल पक्ष के उपयुक्त विवरण के साथ वाराणसी के स्याही प्रकाशन द्वारा प्रकाशित एक नये पंचांग का लोकार्पण दिनांक 1 अप्रैल 2022 को नदेसर स्थित हस्ता ला विस्टा कैफे में किया गया। इस कार्यक्रम में नगर के वरिष्ठ साहित्यकारों के साथ साथ विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कई प्रवक्ताओं सहित नगर के गणमान्य नागरिक भाग लिए। उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम के आयोजन में नगर की उद्गार साहित्यिक सांस्कृतिक एवं सामाजिक संगठन का भी सहयोग रहा।
विक्रम संवत आधारित उक्त ‘प्रकाशानंद पंचांग‘ के लोकार्पण के साथ ही साथ ‘श्री बाबा गुरु चालीसा’, ‘श्री गुरु पचासा’ व ‘श्री कृष्ण पीयूष’ जैसे अन्य लधु व मध्याकार ग्रंथों का भी लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए वरिष्ठ साहित्यकार दयानिधि मिश्र ने पंचांग को व धार्मिक ग्रंथों को आमजन के लिए बेहद उपयोगी व अनुकरणीय बताया, उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि यह पंचांग अपनी संस्कृति को भूले बिसरे समाज को विक्रम संवत की महत्ता को याद दिलाता है, संवत् में कृष्ण पक्ष ओर शुक्ल पक्ष की तिथियों का अलग-अलग रंगों में अलग-अलग चित्रांकन और विवरण लोगों को अपनी वर्ष प्रणाली को समझने में आसानी देगा। वक्तव्य में आगे बोलते हुए अतिथि हीरालाल मिश्र मधुकर ने कहा कि यह पंचांग स्याही प्रकाशन के प्रकाशकीय कार्यों में मील का पत्थर सिद्ध होगा, और यह लोगों को अपने जीवन को व्यवस्थित करने व भारतीय समय प्रणाली को समझने के लिए सही मार्गदर्शन करेगा। अपने प्रकाशकीय वक्तव्य में श्रोताओं व विज्ञ जनों को संबोधित करते हुए प्रकाशक छतिश द्विवेदी ‘कुंठित’ ने कहा कि यह पंचांग कैलेंडर आवरण में है और इसकी महत्ता एक पाठ्य पुस्तिका की तरह इसलिए है क्योंकि हमारे समाज में आम लोग भारतीय विक्रमी के इस प्रणाली के वर्णन को भूल रहे हैं। अब वह जॉर्जियन कैलेंडर को अपना चुके हैं। लेकिन अंग्रेजी या कहें मसीही पंचांग आम आदमी का ज्ञान क्षरण किया है। विक्रम संवत पंचांग चंद्र व सूर्य के गतिमानता एवं उनके चक्रगणना के आधार पर निर्मित है, अब तक अनेक निर्मित पंचांग कैलेंडरों में सबसे अधिक उपयुक्त तिथि वर्णन व वर्ष प्रणाली का वर्णन विक्रमी संवत का कैलेंडर ही करता है, इसे लोगों को इसलिए अपनाना चाहिए कि उनकी भारतीय सनातन धर्म की जीवन शैली अनुकूल व स्वास्थ्यकर रहेगी, उनके उत्सव व दूसरे हर्ष उल्लास के पर्व विक्रम संवत के अनुसार ही निर्धारित किए गए हैं, यह कैलेंडर पर्व, तिथि, पक्ष वर्णन को समेकित कर प्रकाशित किया गया है। आगे और सुधार के लिए सुझाव लिए जाएंगे और रचनात्मक प्रयास भी किए जाएंगे। देर मध्य रात तक चले इस कार्यक्रम में 5 लोगों को ‘स्याही रत्न’ सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में बतौर अतिथि उपस्थित सज्जनों में साहित्यकार दयानिधि मिश्र, हीरालाल मिश्र मधुकर, स्याही प्रकाशन के प्रकाशक छतिश द्विवेदी ‘कुंठित’ व समाजसेवी महेंद्र प्रताप सिंह थे, प्रोफेसर उपेंद्र कुमार पाण्डेय, दिलीप पाण्डेय, प्रोफेसर जयप्रकाश नारायण त्रिपाठी जिला पुस्तकालय अध्यक्ष कंचन सिंह परिहार, जिला विद्यालय निरीक्षक दीनानाथ द्विवेदी रंग, आदि प्रमुख गणमान्यजन रहे। नगर के उपस्थित साहित्यकारों में नवल किशोर गुप्ता, श्रुति गुप्त, शंभू नाथ शास्त्री, चंद्र भूषण सिंह, हर्षवर्धन मंमगाई, शिब्बी मंमगाई, प्रसन्न वदन चतुर्वेदी, संतोष कुमार प्रीत, डॉ शरद श्रीवास्तव, आशिक बनारसी, खलील अहमद राही, कवित्री नीलिमा श्रीवास्तव, कवित्री माधुरी मिश्रा, मुनींद्र पांडे मुन्ना, मनोज मिश्रा, जयप्रकाश मिश्र धानापुरी, विंध्यवासिनी मिश्रा, आनंद मिश्रा, भोलानाथ तिवारी, पंकज श्रीवास्तव, प्रमोद कुमार सिन्हा, अनुपम आनंद, अनुराग श्रीवास्तव, अनुदीप प्रकाशानंद एवं लेखक डॉ प्रकाश श्रीवास्तव उपस्थित रहे। कार्यक्रम में 5 लोगों को ‘स्याही रत्न’ सम्मान से सम्मानित किया गया। जिन्होंने अपने-अपने विशेषज्ञता की विधा में समाज के लिए बेहतर काम किया है। सम्मानित होने वाले सज्जनों प्रमुख कवयित्री श्रीमती छाया शुक्ला, प्रशासनिक अधिकारी श्री वंशराज सिंह, श्रीमती कंचन लता मौर्या, श्री जयोति भूषण मिश्रा एवं नटिनिया दाई व्यापार मण्डल के अध्यक्ष श्री राधेश्याम गोंड आदि रहे। इसके अलावा डॉक्टर तरुण कुमार राय, संदीप सिंह, त्रिभुवन, नारायण सिंह, अनिल पांडे, अभिषेक उपाध्याय, डॉ राधेश्याम सिंह, डॉक्टर मयंक सिंह, अधिवक्ता अनुराग पांडे, अधिवक्ता पवन कुमार सिंह, समाजसेवी चंद्रप्रकाश सिंह, शैलेश मिश्रा, पत्रकार रविंद्र प्रजापति व बबीता पटेल आदि लोग उपस्थित रहे।