हरिद्वार/टिहरी,31मई 2025
उत्तराखण्ड में एक बार फिर भू-माफियाओं की करतूतें सामने आ रही हैं। हरिद्वार के निकट एक किसान ने आरोप लगाया है कि उसकी पुश्तैनी भूमि को हड़पने के लिए भू-माफियाओं ने फर्जी पट्टों का सहारा लिया है और अब उसे जान से मारने की धमकियाँ दी जा रही हैं। किसान ने एक वायरल ऑडियो रिकार्डिंग के आधार पर आरोप लगाया है कि एक कांग्रेसी विचारधारा से जुड़ा प्रॉपर्टी डीलर – जो स्वयं को रसूखदार बताता है – ज़मीन पर कब्जे की साजिश में शामिल है।
किसान का कहना है कि उक्त व्यक्ति पिछले तीस वर्षों से खेती के लिए उपयोग में लाई जा रही ज़मीन पर पट्टे होने का झूठा दावा कर रहा है। वह किसान के वारिसानों को धमका रहा है कि प्लॉट नंबर 58-ए पर अब पट्टा हो चुका है और ज़मीन खाली कर दी जाए। जबकि टिहरी पुनर्वास से जुड़े अधिकारी जितेन्द्र बाबू ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान में ऐसी कोई पट्टेदारी नहीं की गई है।
किसान ने यह भी आरोप लगाया है कि इस भू-माफिया ने पूर्व में नागेश्वर धाम के समीप हरिजन भूमि पर बिना जिलाधिकारी की अनुमति के फर्जी कॉलोनी काटी और वहाँ मकान बनवाकर उन्हें बेच दिया। आश्चर्य की बात यह है कि उन मकानों का दाखिल-खारिज आज तक नहीं हुआ, जिससे साफ जाहिर होता है कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं की अनदेखी कर करोड़ों की ज़मीन पर कब्जा किया गया।
सूत्रों के अनुसार, बातचीत में यह भी सामने आया है कि कुछ लोगों ने पट्टा करवाने के लिए संबंधित विभागों में रिश्वत भी दी थी। इस पूरे मामले में सवाल उठता है कि आखिर कौन-कौन से विभाग इस फर्जीवाड़े में साझेदार हैं? और क्या यह एक संगठित भूमि घोटाले की शुरुआत है?
इस गंभीर मामले को लेकर क्षेत्रीय पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री से मिलकर मामले की उच्चस्तरीय जांच की माँग करेगा। पत्रकारों का कहना है कि यदि इस मामले की निष्पक्ष जाँच नहीं हुई, तो आने वाले समय में कई किसानों की ज़मीनें ऐसे ही हड़पी जा सकती हैं।
किसान ने शासन-प्रशासन से तत्काल सुरक्षा और न्याय की गुहार लगाई है। अगर समय रहते इस फर्जी पट्टे और धमकियों पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो इससे समाज में भय और अव्यवस्था का माहौल पैदा हो सकता है।