देहरादून, 31 मई 2025(हमारी चौपाल) राजधानी देहरादून के कार्गी चौक क्षेत्र में संचालित एक प्री-प्रेपरेटरी स्कूल की आड़ में हो रहे अवैध हॉस्टल संचालन और बच्चों के यौन शोषण का सनसनीखेज मामला सामने आया है। दिल्ली में पंजीकृत एक ट्रस्ट द्वारा संचालित “पेंसिल बॉक्स” नामक यह स्कूल न तो किसी मान्यता प्राप्त संस्था से संबद्ध था, न ही इसके पास शैक्षणिक संचालन की विधिक अनुमति थी।
इस स्कूल के साथ-साथ पास ही के एक किराए के भवन में मानसिक रूप से असक्षम बच्चों के लिए एक अवैध हॉस्टल भी चलाया जा रहा था, जहाँ गंभीर अनियमितताएँ पाई गईं। सबसे भयावह बात यह रही कि वहां रह रहे दो नाबालिग भाइयों ने रात्रिकालीन अटेंडेंट द्वारा यौन शोषण की पुष्टि की है।
बाल आयोग की अध्यक्ष ने किया निरीक्षण, उजागर हुए चौंकाने वाले तथ्य
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (SCPCR) की माननीय अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना स्वयं आयोग की टीम के साथ मौके पर पहुँचीं और स्कूल व हॉस्टल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि हॉस्टल न केवल बिना किसी वैधानिक अनुमति के चल रहा था, बल्कि वहाँ बच्चों की सुरक्षा से जुड़े किसी भी मानक का पालन नहीं किया गया था।
हॉस्टल की स्थिति अत्यंत जर्जर पाई गई—न सफाई, न देखभाल की व्यवस्था, न ही किसी प्रशिक्षित स्टाफ की उपस्थिति। बच्चों के रहने की दशा अमानवीय और चिंताजनक बताई गई है।
एक मां की सतर्कता ने खोली पोल
यह मामला तब उजागर हुआ जब एक एकल माता, जिन्होंने अपने मानसिक रूप से असक्षम दो बेटों को बेहतर देखभाल की उम्मीद में वहाँ छोड़ा था, अचानक उनसे मिलने हॉस्टल पहुँचीं। बच्चों के व्यवहार में अजीब बेचैनी देख उन्होंने बाहर लाने पर ज़ोर दिया। बाहर आते ही दोनों भाइयों ने बताया कि रात में ड्यूटी पर तैनात अटेंडेंट उनका यौन शोषण करता है।
पुलिस ने तुरंत की कार्रवाई, आरोपी गिरफ्तार
मां की शिकायत पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी अटेंडेंट को हिरासत में ले लिया। आरोपी की पहचान उत्तर प्रदेश के बनारस निवासी के रूप में हुई है, जो 16 मई से हॉस्टल में कार्यरत था, लेकिन उसके किसी प्रकार का पुलिस सत्यापन (Police Verification) नहीं कराया गया था।
पुलिस ने IPC और पॉक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। जांच के लिए CWC (बाल कल्याण समिति) और SCPCR की संयुक्त टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं।
स्कूल बंद, अन्य बच्चों से भी होगी पूछताछ
इस घिनौने खुलासे के बाद पेंसिल बॉक्स प्री-प्रेपरेटरी स्कूल को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। स्कूल में पढ़ रहे अन्य 15 बच्चों से भी आगामी सोमवार को बाल कल्याण समिति द्वारा बातचीत की जाएगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं अन्य बच्चों के साथ भी कोई अत्याचार या दुर्व्यवहार तो नहीं हुआ है।
ट्रस्ट के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की तैयारी
चूंकि पूरा संचालन बिना किसी मान्यता और सुरक्षा मानकों के किया जा रहा था, इसलिए दिल्ली में पंजीकृत ट्रस्ट के खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। राज्य बाल आयोग ने साफ संकेत दिए हैं कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और बच्चों के संरक्षण से खिलवाड़ करने वालों को कठोरतम सजा दी जाएगी।
मुख्य बिंदु संक्षेप में
प्री-प्रेपरेटरी स्कूल और हॉस्टल बिना अनुमति के संचालित
मानसिक रूप से असक्षम बच्चों के यौन शोषण का आरोप
आरोपी अटेंडेंट पुलिस की हिरासत में, कोई वेरिफिकेशन नहीं था
बाल आयोग और पुलिस कर रहे संयुक्त जांच
ट्रस्ट और संचालकों पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी
टिप्पणी:
इस शर्मनाक प्रकरण ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के नाम पर निजी संस्थाएं कितनी गैर-जिम्मेदार और लापरवाह हो सकती हैं। यह ज़रूरी है कि शासन-प्रशासन ऐसे सभी संस्थानों की समय-समय पर जांच करे और मानकों की अनदेखी करने वालों को सख्त दंडित किया जाए।