देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीनों दोषियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायालय की जज रीना नेगी ने आरोपी पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। इस हाई-प्रोफाइल मामले घटना के 2 साल, 8 महीने और 12 दिन कोर्ट से फैसला आया। कोर्ट ने फैसला देते हुए मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य पर कुल 72 हजार रुपये का अर्थदंड, सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता पर भी 72-72 हजार रुपये अर्थदंड लगाया है। राज्य सरकार की प्रतिकर योजना के तहत पीड़िता के परिजनों को चार लाख रुपये प्रतिकर दिलाए जाने का आदेश भी कोर्ट ने दिया है।
47 की गवाही: विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मामले की जांच की और 500 पेज की चार्जशीट दाखिल की। जिसमें 97 गवाहों शामिल किए गए। केस ट्रायल पर आया तो इनमें से 47 गवाहों ने कोर्ट में अपनी गवाही दी। आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), 354ए (छेड़छाड़ और लज्जा भंग) और अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए। जिस पर ट्रायल के बाद कोर्ट ने यह फैसला दिया।
वीआईपी गेस्ट्स को एक्स्ट्रा सर्विस देने से माना करने पर की हत्या : 18 सितंबर 2022 को पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट यह घटना हुई। यहां की रिसेप्शनिस्ट 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गई थी। रिजॉर्ट के मालिक और मुख्य आरोपी पुलकित आर्य ने अंकिता पर ‘वीआईपी’ अतिथियों को ‘अतिरिक्त सेवाएं’ प्रदान करने का दबाव डाला था। अंकिता के इनकार करने पर पुलकित ने अपने दो कर्मचारियों, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी और शव को ऋषिकेश की चीला शक्ति नहर में फेंक दिया। एक सप्ताह बाद 24 सितंबर 2022 को अंकिता का शव बरामद हुआ। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डूबने को मृत्यु का कारण बताया गया, साथ ही शरीर परचोट के निशान भी पाए गए।
उत्तराखंड सामने आया था जबरदस्त आक्रोश: अंकिता भंडारी हत्याकांड सामने आने के बाद उत्तराखंड में जबरदस्त आक्रोश सामने आया था।इ स मामले ने राज्य सरकार के लिए चुनौतियां खड़ी कीं, क्योंकि मुख्य आरोपी पुलकित आर्य बीजेपी के पूर्व नेता विनोद आर्य का बेटा है। पार्टी ने मामले के सामने आने के बाद विनोद आर्य को बाहर कर दिया था। रिजॉर्ट को बुलडोजर चलाकर तुड़वा दिया गया था। घटना के बाद कोटद्वार, पौड़ी, ऋषिकेश और देहरादून सहित कई शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए।
खारिज हो चुकी है सीबीआई जांच की मांग: इस मामले में पीड़ित पक्ष की ओर से हाईकोर्ट में अपील कर सीबीआई जांच की मांग गई थी। हाईकोर्ट ने मामले में पुलिस जांच की समीक्षा की। इसके बाद सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया गया था।
अंकिता भंडारी के तीनों कातिलों को मिली आजीवन कारावास की सजा
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