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सशक्त भू-कानून की माँग लेकर यूकेडी का विधानसभा कूच, पुलिस व कार्यकर्ताओं की जमकर धक्का-मुक्की

23,08,2021,Hamari Choupal

सत्र के पहले ही दिन यूकेडी का विधान सभा घेराव। देहरादून। विधानसभा सत्र के पहले दिन आज विभिन्न मुद्दों को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल ने सरकार के खिलाफ हल्लाबोल किया।

 

 

देहरादून। उत्तराखंड में भू-कानून को लेकर यूकेडी ने सोमवार को विधानसभा कूच किया। भारी संख्या में यूकेडी कार्यकर्ता केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी के नेतृत्व में साढ़े 12 बजे यूकेडी कार्यालय से विधानसभा के लिए पैदल नारेबाजी करते हुए निकले। बरसात के बावजूद भी कार्यकर्ताओं का हौसला नहीं कम नहीं हुआ।दल के झंडों, बैनर के साथ महिलाओ को सबसे आगे रखा गया, उसके बाद दल के वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता चले। विधानसभा के सामने रिस्पना पुल तक आने में करीब एक घंटा लगा। इस बीच पुलिस बैरिकेडिंग पर डबल सुरक्षा चक्र बनाया गया था। पुलिस बल की ओर से कार्यकर्ताओं को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया ।

 

बैरिकेडिंग पर पुलिस व कार्यकर्ताओं की जमकर धक्का-मुक्की हुई। धक्का-मुक्की के बीच कुछ कार्यकर्ता मामूली रूप से जख्मी हुए।

 

कार्यकर्ता वहीं जमीन पर बैठ गए। काशी सिंह ऐरी ने कहा कि सरकार पूरी तरह विफल व जनसरोकारों से सरकार को कोई वास्ता नहीं। मूल निवासी मुद्दा, राज्य आन्दोलनकरियों को सम्मान व नौकरी, पेंशन आदि मुद्दों को लेकर सरकार ने कुछ भी नहीं किया। ऐरी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि राजधानी गैरसैंण को लेकर यूकेडी का आंदोलन चलता रहेगा। चिंता जताई है कि प्रदेश के पर्वतीय जिलों में बिजली, सडक़, पानी, स्वास्थ्य आदि बुनियादी सेवाओं को बुरा हाल है। मांग की है कि सरकार की ओर से बुनियादी सुविधाओं को दुरस्त किया जाए। यूकेडी के विधानसभा कूच की वजह से शहर के विभिन्न चौराहों पर जाम लगा गया। पुलिस की ओर से ट्रैफिक डायवर्ट कर खुलवाया गया।

 

)- उत्तराखंड मे सशक्त भू-कानून शीघ्र लागू किया जाये ताकि बाहरी व्यक्ति यहाँ पर भूमि क़ी खरीद फरोख्त न कर सकें |
2)-उत्तराखंड के मूलनिवासियों के लिए मूलनिवास क़ी समय सीमा 1950 को आधार बनाया जाय |
3)- उत्तराखंड के मूलनिवासियों के प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को सरकारी सेवा मे स्थाई रोजाग्र प्रदान किया जाय |
4)- राज्य क़ी स्थाई राजधानी गैरसैण घोषित किया जाय |
5)- राज्य आंदोलनकारीयों को समान पेंशन दी जायें और सरकारी नौकरियों मे 10% क्षेतिज आरक्षण का अध्यादेश पुनः जारी किया जायें |
6)- राज्य मे पर्यटन एवं तीर्थंटन को क़ी ठोस एवं स्पष्ट नीति बनाई जाय |
7)- तीर्थ पुरोहितों क़ी मांग को गंभीरता पूर्वक लेते हुए देवस्थानम बोर्ड को भंग किया जाय |
8)- उत्तराखंड मे ओ0बी0सी0 के दायरे मे आने वाले मूलनिवासियों को ही इस श्रेणी मे लिया जाय |
9)- उपनल एवं अन्य एजेंसियों मे संविदा मे रखे गये सभी कर्मचारियों को शीघ्र नियमित किया जाय |
10)- आशा कार्यकर्तियों का मानदेय कम से कम रु0 10,000(दस हजार) प्रतिमाह किया जाय |
11)- डी0एल0एड0 /बी0एड0 प्रशिक्षित युवाओं को उनकी योग्यतानुसार नियुक्ति प्रदान किया जायें|

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