{अनुराग गुप्ता हमारी चौपाल के लिए}
पंचकूला/देहरादून – पंचकूला के सेक्टर-27 में रविवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। यहां देहरादून से आए एक ही परिवार के 7 लोगों ने कार में ज़हर खाकर सामूहिक आत्महत्या कर ली। जब सुबह सड़क किनारे खड़ी गाड़ी से दुर्गंध आई, तब लोगों को शक हुआ। पुलिस ने गाड़ी का दरवाज़ा खोला तो अंदर सात लाशें देख हर कोई सन्न रह गया।
मरने वालों में देहरादून निवासी प्रवीन मित्तल (42) के अलावा उनके माता-पिता, पत्नी, एक बेटा और दो अन्य बच्चे शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि पूरा परिवार पंचकूला में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम — हनुमंत कथा — में शामिल होने आया था। बताया जा रहा है कि कथा समाप्त होने के बाद ही उन्होंने यह भयावह कदम उठाया।
घटनास्थल से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिससे पता चलता है कि परिवार किसी गहरे तनाव और मानसिक परेशानी से जूझ रहा था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आत्महत्या का कारण आर्थिक तंगी, घरेलू कलह या कोई अन्य पारिवारिक विवाद हो सकता है, हालांकि मामले की गहन जांच की जा रही है।
पंचकूला डीसीपी लॉ एंड ऑर्डर, फॉरेंसिक टीम और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचे और शवों को पंचकूला के निजी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस ने गाड़ी से ज़हर के नमूने भी लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है।
परिवार की यह सामूहिक आत्महत्या सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि समाज के सामने एक गंभीर सवाल भी है — क्या हम मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक सहयोग और सामाजिक सुरक्षा की अनदेखी कर रहे हैं?
स्थानीय लोगों में शोक की लहर
घटना के बाद पंचकूला और देहरादून दोनों ही शहरों में शोक की लहर फैल गई। जो परिवार कल तक धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होकर पुण्य अर्जित कर रहा था, आज उनकी एक साथ मौत की खबर ने सबको स्तब्ध कर दिया है।
प्रशासन ने मृतकों के परिजनों से संपर्क साधने की कोशिश शुरू कर दी है। वहीं, प्रदेश सरकार ने भी इस घटना को गंभीरता से लेते हुए हर पहलु की जांच के निर्देश दिए हैं।
सावधानी व संदेश:
(अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है। तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें। आप टेलीमन्स हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं। यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे। याद रखिए — जान है तो जहान है।)