13,05,2025, हमारी चौपाल भाग्यशाली हैं हमारी मां ने हमें जन्म दिया।
एक रचनाकार अपनी कलम अपने शब्दों के माध्यम से
उनके चरणों में कृतज्ञता के पुष्प अर्जित करता है। सम्पर्क संस्थान और केदार स्किलीफाई के संयुक्त तत्वाधान में संस्थान अध्यक्ष आदरणीय अनिल लढ़ा व महासचिव रेनू शब्दमुखर के मार्गदर्शन से हल्द्वानी उत्तराखंड में सम्पर्क टीम द्वारा जननी व जन्मभूमि के नाम करते हुए शानदार काव्य गोष्ठी का आयोजन कराया गया। कार्यक्रम का संचालन संस्थान की मानद सचिव ललिता कापड़ी व मंच संचालन मीना जोशी ने किया।
सम्पर्क संस्थान का उद्देश्य है एकजुट होकर एक दूसरे के अनुभव और विचारों का आदान प्रदान कर सकें साथ ही स्वयं से ऊपर उठकर साहित्य को एक नई दिशा प्रदान कर स्वस्थ समाज की स्थापना हेतु अपना अपना योगदान दे सकें। एक कवि और श्रोता के रूप में सभी ने मां व मातृ भूमि पर अपने शब्दों से शाम को ममतामय व देशभक्ति ओतप्रोत कर दिया। प्रतिभागी कवियों ने शानदार काव्य प्रस्तुति दी। जिसमें वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. दीवा भट्ट, श्रीमती बीना जोशी, श्रीमती किरन वर्तिका, डॉ गीता मिश्रा, श्रीमती पुष्पलता पुष्पांजली, डॉ शशि जोशी, श्रीमती सीमा बिष्ट, कवि प्रदीप उपाध्याय, दयाल पांडे, श्रीमती बीना मथेला, श्रीमती बीना भट्ट, श्रीमती मंजू पांडे (उदिता), त्रिवेंद्र जोशी, सोनी, त्रिभुवन सिंह बिष्ट, मीना जोशी, ललिता कापड़ी आदि थे।
“जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी”
अर्थात "माता और मातृभूमि स्वर्ग से भी श्रेष्ठ हैं।
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