Hamarichoupal,26,07,2025
देहरादून (हमारी चौपाल):* उत्तराखंड के देहरादून जिले की भुड्डी ग्राम सभा में पंचायत चुनाव को लेकर जबरदस्त सियासी घमासान मचा हुआ है। सहसपुर ब्लॉक की इस महत्वपूर्ण ग्राम सभा में राजनीतिक माहौल पूरी तरह गर्म है। ग्राम प्रधान की कुर्सी के लिए दो दिग्गज योद्धा, तजम्मुल हुसैन और गुलशन रावत, मैदान में डटकर मुकाबला कर रहे हैं, लेकिन तीसरे दावेदार विक्रम सिंह रावत के रूप में एक छुपा रुस्तम भी इस रेस को और रोमांचक बना रहा है। 28 जुलाई 2025 को होने वाले मतदान और 31 जुलाई को घोषित होने वाले परिणाम तय करेंगे कि भुड्डी की बागडोर किसके हाथों में जाएगी। हमारी चौपाल के संवाददाता ने क्षेत्र का भ्रमण कर ताजा जानकारी जुटाई है, जिसके आधार पर यह रोचक खबर आपके लिए तैयार की गई है।
तजम्मुल हुसैन: अनुभव और परंपरा का दम
तजम्मुल हुसैन, जिनकी पत्नी पूर्व प्रधान रह चुकी हैं, पहले ही उनके प्रधान प्रतिनिधि रह चुके हैं, और अब अपने अनुभव और गांव के बुजुर्गों के भरोसे मैदान में हैं। पूर्व प्रधान प्रतिनिधि के रूप में उनके पिछले कार्यकाल का अनुभव और गांव की जरूरतों को समझने की गहरी समझ उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाती है। तजम्मुल को गांव के पुराने लोगों का समर्थन प्राप्त है, जो उनके पिछले कार्यों से संतुष्ट हैं। “बता दें कि तजम्मुल पहले भी प्रधान प्रतिनिधि की हैसियत से गांव के लिए काम कर चुके हैं, उन्हें पता है कि गांव की समस्याएं कैसे हल की जाती हैं,” एक बुजुर्ग ग्रामीण ने हमारी चौपाल को बताया। तजम्मुल की रणनीति में परंपराओं को बनाए रखते हुए गांव में विकास को गति देना शामिल है।
विक्रम सिंह रावत: छुपा रुस्तम जो बदल सकता है खेल
इस रोमांचक मुकाबले में दुसरे दावेदार विक्रम सिंह रावत के रूप में एक छुपा रुस्तम भी मैदान में है। सीनियर और सम्मानित व्यक्तित्व के धनी विक्रम पहली बार ग्राम प्रधान की दौड़ में शामिल हुए हैं। उनकी बढ़ती लोकप्रियता और गांव की सेवा के प्रति समर्पण उन्हें एक मजबूत दावेदार बना रहा है। यदि वोटों का ध्रुवीकरण हुआ, तो विक्रम सिंह रावत बाजी मार सकते हैं। “विक्रम जी शांत और समझदार हैं, उनकी सादगी और ईमानदारी लोगों को आकर्षित कर रही है,” एक ग्रामीण ने हमारी चौपाल को बताया। धीरे-धीरे उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है, और उन्हें नजरअंदाज करना किसी के लिए आसान नहीं होगा।
गुलशन रावत: फौजी अनुशासन और युवा जोश का संगम
गुलशन रावत, एक रिटायर्ड फौजी और पूर्व बीडीसी (ब्लॉक डेवलपमेंट कमेटी) सदस्य, इस चुनाव में पूरे जोश के साथ उतरे हैं। उनकी सैन्य पृष्ठभूमि और अनुशासित कार्यशैली उन्हें गांव के युवाओं का चहेता बना रही है। गुलशन का तेज-तर्रार दिमाग और अनुभव उनके पक्ष में एक मजबूत आधार बना रहा है। स्थानीय लोग मानते हैं कि उनका फौजी अनुशासन और अलर्टनेस गांव के विकास के लिए नई उम्मीद जगा रहा है। उनकी रणनीति में युवाओं को जोड़ना और गांव के लिए एक नया विजन पेश करना शामिल है। “गुलशन भाई का फौजी अनुभव हमें एक अनुशासित और पारदर्शी प्रशासन दे सकता है,” एक स्थानीय युवा ने हमारी चौपाल को बताया।
चक मनसा सिंघनीवाला: जीत का रास्ता
भुड्डी ग्राम सभा में यह कहावत प्रचलित है कि “जो भी प्रधान बने, उसका रास्ता चक मनसा सिंघनीवाला से ही होकर जाएगा।” यह क्षेत्र स्थानीय राजनीति का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जहां से सभी उम्मीदवारों को समर्थन जुटाने की जरूरत है। हमारी चौपाल के संवाददाता ने देखा कि तजम्मुल, गुलशन और विक्रम तीनों ही इस क्षेत्र में विशेष ध्यान दे रहे हैं, क्योंकि यह इलाका मतदाताओं की बड़ी संख्या को प्रभावित करता है।
चक मनसा-सिंघनीवाला क्षेत्र में इस बार पंचायत चुनाव का मुकाबला बेहद रोचक हो चला है, जहां पूर्व सैनिक और पूर्व बीडीसी सदस्य गुलशन रावत पूरे आत्मविश्वास और जोश के साथ मैदान में हैं।
उनकी तेज सोच, अनुभव और स्पष्ट विज़न उन्हें अन्य प्रत्याशियों की तुलना में एक अलग पहचान दिला रहे हैं।सूत्रों की माने चक मनसा सिंघनीवाला में गुलशन रावत की लोकप्रियता शीर्ष पर है। वर्तमान चुनाव में उनकी भूमिका विपक्षी उम्मीदवारों के लिए एक कड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
चुनावी माहौल और तारीखें
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे दौर में भुड्डी ग्राम सभा में 28 जुलाई 2025 को मतदान होगा, और परिणाम 31 जुलाई को घोषित किए जाएंगे।
कौन मारेगा बाजी
गुलशन रावत का युवा जोश और फौजी अनुशासन, तजम्मुल हुसैन का अनुभव और स्थानीय समर्थन, या विक्रम सिंह रावत की सादगी और छुपा रुस्तम वाली रणनीति—यह देखना दिलचस्प होगा कि भुड्डी ग्राम सभा के मतदाता किसे चुनते हैं। तीनों उम्मीदवार अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ गांव के विकास का वादा कर रहे हैं, लेकिन अंतिम फैसला जनता के हाथ में है। सारी कमान मतदाताओं के पास है, और इस रोमांचक मुकाबले में कोई भी बाजी मार सकता है। हमारी चौपाल के संवाददाता इस घमासान पर लगातार नजर रखे हुए हैं।
आप क्या सोचते हैं? भुड्डी ग्राम सभा में कौन बनेगा अगला प्रधान? अपनी राय हमारे साथ साझा करें और 28 जुलाई को होने वाले मतदान में हिस्सा लेकर गांव की सरकार चुनने में अपनी भूमिका निभाएं। हमारी चौपाल आपके साथ बनी रहेगी, हर अपडेट के साथ!