Dehradun,12,12,2025
देहरादून। उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक लोक-नृत्यों को समर्पित ठोउडा नृत्य एवं सांस्कृतिक महोत्सव 2025 का आज परेड ग्राउंड देहरादून में विधिवत शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन विशिष्ट अतिथि गीता राम गौड़, राज्य मंत्री उत्तराखण्ड सरकार एवं बलदेव चंद्र भट्ट, वरिष्ठ पत्रकार एवं मीडिया प्रभारी ने फीता काटकर किया, जबकि आयोजन समिति के अध्यक्ष कुंदन चौहान जी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए लोक संस्कृति के संरक्षण के संकल्प को दोहराया।
तीन दिवसीय इस महोत्सव का आयोजन 12, 13 और 14 दिसंबर को प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से रात्रि 10 बजे तक किया जा रहा है। पारंपरिक वाद्य-यंत्रों की गूंज और रंग-बिरंगी पोशाकों में सजे कलाकारों की टोलियों ने उद्घाटन समारोह में ऐसा मनोहारी दृश्य प्रस्तुत किया कि पूरा परेड ग्राउंड लोकसंस्कृति की उजली आभा से आलोकित हो उठा।
*मुख्य आकर्षण—जौनसार-बाबर की प्राचीन ‘ठोउड़ा’ परंपरा*
महोत्सव का केंद्र बिंदु रहा जौनसार-बाबर क्षेत्र की प्राचीन परंपरा पर आधारित ठोउड़ा नृत्य, जिसकी जड़ें धनुष–बाण खेल और युद्ध कौशल में मानी जाती हैं। पारंपरिक ऊन के वस्त्र धारण किए नर्तक अपने चरणों से निशाना साधने की तकनीक और लाठी-डांडों पर आधारित नृत्य-शैली का ऐसा रोचक प्रदर्शन कर रहे हैं कि दर्शकों की तालियाँ रुकने का नाम नहीं ले रहीं।
इतिहासकारों के अनुसार यह नृत्य न केवल लोक खेल बल्कि युद्ध-कौशल और सामाजिक उत्सव का प्रतीक है। यही कारण है कि आज भी इसे जौनसारी समाज अपनी सांस्कृतिक पहचान के रूप में गर्व से संजोए हुए है।
20 वर्षों से विरासत संरक्षण की धुरी बनी संस्था
आयोजन संस्था बीते दो दशकों से लोक संस्कृति के संरक्षण, प्रलेखन और प्रस्तुतीकरण का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। इस वर्ष महोत्सव में राज्यभर के लगभग 300 लोक कलाकार तीन दिवसीय प्रस्तुतियाँ दे रहे हैं।
विभिन्न जनजातीय समुदाय—कुमाऊँ, गढ़वाल, थारू, भोटिया, जौनसारी, राजी—के साथ-साथ राजस्थान, असम, महाराष्ट्र, हिमाचल, हरियाणा और छत्तीसगढ़ से आए कलाकार भी अपने-अपने क्षेत्रों की विशिष्ट लोक शैलियाँ प्रस्तुत कर रहे हैं।
*औपचारिक समारोह में अनेक जनप्रतिनिधि रहे उपस्थित*
महोत्सव में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, साहित्यकार, शोधकर्ता, लोककला विशेषज्ञ और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। मंच पर विशिष्ट रूप से अध्यक्ष कुंदन सिंह चौहान, प्रशांत नेगी, दोबारा सिंह चौहान, रन्नी दयाल, किशन सिंह चौहान, राजेंद्र बिष्ट, निशांत चौहान, सचिन चौहान, निखिल वर्मा, धनजयी चौहान सहित अनेक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व उपस्थित रहे।
लोक संस्कृति के महाकुंभ जैसा माहौल
पहले दिन की शुरुआत से ही परेड ग्राउंड सांस्कृतिक रंगों से सराबोर नजर आया। पारंपरिक गीतों, लोक वाद्यों, जुगलबंदी और नृत्यों की श्रृंखलाओं ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर कोई उत्तराखंड की इस अनमोल धरोहर का हिस्सा बनने पर उत्साहित दिखाई दिया।
