देहरादून,29,11,2025
देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड राज्य गठन को 25 वर्ष पूरे हो चुके हैं, लेकिन अब भी 490 गांव सड़क मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं। इन गांवों के ग्रामीण आज भी कई किलोमीटर पैदल सफर करने को मजबूर हैं। लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के कुल 15,745 गांवों में से लगभग 14,000 गांवों तक सड़कें पहुंच चुकी हैं। शेष 1,745 गांवों में से 450 गांव ऐसे हैं जहां सड़क की मंजूरी तक नहीं हो पाई है।
जिलावार स्थिति
– टिहरी – 31 गांव
– चमोली – 62 गांव
– रुद्रप्रयाग – 6 गांव
– पौड़ी – 116 गांव
– उत्तरकाशी – 9 गांव
– हरिद्वार – 5 गांव
– पिथौरागढ़ – 98 गांव
– चंपावत – 77 गांव
– अल्मोड़ा – 26 गांव
– बागेश्वर – 39 गांव
– नैनीताल – 20 गांव
– यूएस नगर – 1 गांव
पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों में सबसे अधिक गांव सड़क मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।
बड़ी आबादी वाले गांव भी प्रभावित: रिपोर्ट के अनुसार 200 से लेकर 1500 से अधिक आबादी वाले गांव भी सड़क से वंचित हैं। कहीं वन भूमि की बाधा है तो कहीं तकनीकी कारणों से सड़क निर्माण अटका हुआ है।
सरकार के प्रयास: राज्य में सड़क नेटवर्क को मजबूत करने के प्रयास जारी हैं। जिन गांवों तक सड़क नहीं पहुंची है, उन्हें चिह्नित कर जल्द मंजूरी देने के निर्देश दिए गए हैं। तकनीकी दिक्कतों को दूर करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है।
