HamariChoupal,14,09,2025
देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट मे पर्यटन गतिविधियों हेतु आबंटन प्रक्रिया विधि सम्मत हुई है और हर प्रक्रिया का पालन किया गया है। विकसित किये गए स्थल की भूमि और संसाधन राज्य के हैं तो उक्त स्थल के पास आम आदमी की आवाजाही या अन्य गतिविधियों पर किसी तरह की रोक नही है। उन्होंने कांग्रेस के आरोपों को झूठ का पुलिन्दा और तथ्यों से परे बताया।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए चौहान ने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा वर्ष 1987-88 में तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जार्ज एवरेस्ट में कुल 172.91 एकड़ भूमि जिला प्रशासन के माध्यम अधिग्रहण की गयी थी।
वर्ष 2019 में बाह्य सहायतित योजना (ADB Project) के अंतर्गत जॉर्ज एवरेस्ट हैरिटेज पार्क का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया गया जिसका निर्माण कार्य नवम्बर 2022 में पूर्ण किया गया। योजना के अन्तर्गत जार्ज एवरेस्ट हाउस संग्रहालय, प्रयोगशाला, 05 हट्स कैफे आदि का निर्माण/जीर्णोद्वार, कॉमन पार्क स्टेट रोड के अन्तर्गत व अन्य पर्यटन गतिविधियों से अवस्थापना व्यवस्थाये सृजित की गई। इन सभी कार्यों पर एडीबी के माध्यम से रू0 23.52 करोड़ की लागत कार्य करवाया गया। यह परिसम्पत्ति जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट मसूरी उत्तराखण्ड में एयरोस्पोर्टस गतिविधियों के संचालन, प्रबन्धन और विकास के लिए उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति (प्रक्योरमेंट) नियमावली 2017 के तहत ई टेण्डर आमंत्रित किये गए।
उन्होंने कहा कि निर्धारित तिथि तक तीन फर्मो द्वारा ई-टेण्डर के माध्यम से अपने प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये थे। परिसम्पत्ति को संचालन एवं रख-रखाव हेतु 15 वर्षों के लिए दिया गया है तथा भूमि एवं परिसम्पत्तियों पर स्वामित्व पर्यटन विभाग का ही है। वर्ष 2012 से पूर्व पाथवे एवं जॉर्ज एवरेस्ट हाउस जीर्ण र्शीण अवस्था में था तथा सीमित मात्रा में ही पर्यटकों एवं दैनिक भ्रमाणर्थीयों का आगमन इस क्षेत्र में होता था। तत्समय से पूर्व यदाकदा पाथवे की मरम्मत नगर पालिका मसूरी के द्वारा की जाती थी। एडीबी के माध्यम से कराये गये कार्यों के अन्तर्गत कॉमन पार्क स्टेट रोड़ पर ही विभाग द्वारा 0-4.32 करोड़ की धनराशि व्यय की गई है। यह धनराशि एडीबी० के परियोजना के अन्तर्गत रू0-23.52 करोड़ मे सम्मिलित थी। जॉर्ज एवरेस्ट हाउस के लिए जाने वाले वाहनों की संख्या को जॉर्ज एवरेस्ट हाउस के समीप स्थित पार्किंग की सीमित क्षमता एवं पाथ / सड़क की चौड़ाई एवं ग्रेडियेन्ट को दृष्टिगत रखते हुए पर्यटकों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए ही उसमें पर्यटन की भूमि पर गेट की व्यवस्था की गयी है। जॉर्ज एवरेस्ट भवन परिसर में पार्किंग हेतु स्थल की न्यूनतम उपलब्धता होने तथा जॉर्ज एवरेस्ट तक आने-जाने वाले वाहन मार्ग का अत्यन्त संकरा होने के कारण विभाग द्वारा पर्यटको की सुरक्षा एवं क्षेत्र की महत्ता के दृष्टिगत वाहनों के आवागमन को नियंत्रित करने के उददेश्य से जॉर्ज एवरेस्ट म्यूजीयम तक जाने वाले वाहनों का प्रवेश शुल्क लिये जाने तथा बैरियर के समीप वाहन पार्किंग की अनुमति विभाग द्वारा संबंधित फर्म का टेंण्डर अनुबन्ध के आधार पर प्रदान की गई है। विभाग द्वारा उल्लिखित स्थल पर निजी व्यक्तियों द्वारा नियमानुसार संचालित पर्यटन व्यवसाय पर किसी प्रकार का प्रतिबन्ध अथवा रोक नहीं लगाई गई है। किसी भी स्टेक होल्डर्स को उक्त सड़क मार्ग में गुजरने के लिए कोई रोक टोक नहीं है।
उन्होंने कहा कि जॉर्ज एवरेस्ट स्टेट में विभिन्न पर्यटन सेवायें यथा हिमालय दर्शन योजना, वर्ड वांचिग, एस्ट्रो टूरिज्म, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जॉर्ज एवरेस्ट म्यूजियम का सफल संचालन, पार्किंग आदि सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही है। उक्त क्षेत्र में हेली सेवाओं का संचालन निर्धारित मार्ग में किया जा रहा है तथा सभी नियमों का पालन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस विकास प्रक्रिया पर सवाल उठाकर नकारात्मक विजन परोस रही है। यह स्थल वर्तमान मे राज्य मे पर्यटन गतिविधियों के जरिये अर्थिकी का स्रोत है। वहीं रास्ते को रोकने को लेकर भी गलत बयानी कर रही है, क्योकि उक्त स्थल पर आम लोग बेरोकटोक आवाजाही कर रहे हैं। कांग्रेस को सबसे पहले राज्य के उद्यानों को बेचने के मामले मे जवाब देना चाहिए, क्योंकि अल्मोड़ा स्थित मटेला हाउस सहित अन्य उद्यानों को किस तरह गिरबी रखा गया उसका कोई हिसाब आज तक नही मिला। धामी सरकार राज्य मे विकास के विजन को लेकर भी आगे रही है और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के सिद्धांत पर काम कर रही धामी सरकार राज्य के हितों के लिए प्रतिबद्ध है। कांग्रेस को दुष्प्रचार से बाज आने की जरूरत है।