Hamarichoupal,10,09,2025
नई दिल्ली ( हमारी चौपाल )राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को भारत का 15वां उपराष्ट्रपति चुना गया है। मंगलवार, 9 सितंबर को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में राधाकृष्णन ने विपक्षी गठबंधन इंडिया के उम्मीदवार, पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के अंतर से हराया। राधाकृष्णन को कुल 767 वोटों में से 452 वोट प्राप्त हुए, जबकि रेड्डी को 300 वोट मिले। 15 वोटों को अवैध घोषित किया गया। इस चुनाव में 98.2% मतदान दर्ज किया गया, जिसमें 13 सांसदों ने वोटिंग से दूरी बनाए रखी।
67 वर्षीय राधाकृष्णन, जो तमिलनाडु के तिरुपुर में 20 अक्टूबर 1957 को जन्मे, ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में बी.कॉम की डिग्री हासिल की है। वे लंबे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से जुड़े रहे हैं। राधाकृष्णन ने कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद के रूप में कार्य किया और तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष (2003-2006) रहे। इसके अलावा, उन्होंने झारखंड, तेलंगाना, महाराष्ट्र और पुदुचेरी के राज्यपाल के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। वह तमिलनाडु के कोंगु वेल्लालर गाउंडर ओबीसी समुदाय से आते हैं और दक्षिण भारत से उपराष्ट्रपति बनने वाले पहले ओबीसी नेता हैं।
चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से 21 जुलाई को इस्तीफा देने के बाद यह चुनाव आवश्यक हो गया था। मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक नए संसद भवन में हुआ, और शाम 6 बजे से मतगणना शुरू हुई। एनडीए की संख्यात्मक मजबूती और विपक्ष के कुछ दलों जैसे बीजू जनता दल (बीजेडी), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के मतदान से दूरी बनाने के फैसले ने राधाकृष्णन की जीत को और आसान बना दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राधाकृष्णन को बधाई देते हुए कहा, “उनका प्रशासनिक अनुभव और संवैधानिक ज्ञान देश को मजबूती प्रदान करेगा।” राधाकृष्णन ने अपनी जीत को “राष्ट्रवादी विचारधारा की जीत” करार देते हुए सभी दलों से एकजुट होकर भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का आह्वान किया।
तमिलनाडु में राधाकृष्णन की जीत पर उत्साह का माहौल है। यह तीसरी बार है जब तमिलनाडु से कोई नेता उपराष्ट्रपति बना है, जिससे दक्षिण भारत को राष्ट्रीय मंच पर बड़ा प्रतिनिधित्व मिला है। राधाकृष्णन 12 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद की शपथ ले सकते हैं
विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने हार स्वीकार करते हुए कहा, “मैं लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास के साथ परिणाम को स्वीकार करता हूं। यह वैचारिक लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राधाकृष्णन का व्यापक प्रशासनिक अनुभव और सामाजिक कार्यों में उनकी गहरी समझ उन्हें उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के रूप में प्रभावी भूमिका निभाने में मदद करेगी। उनकी यह जीत एनडीए की एकता और रणनीतिक ताकत को दर्शाती है।