इस गिरोह के मास्टरमाइंड समेत कुल छह सदस्यों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। इस गिरोह द्वारा जीवन रक्षक दवाओं की नकली कॉपी बनाकर बाजार में बेची जा रही थीं, जिससे आम लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा था और सरकारी राजस्व को भी भारी नुकसान हो रहा था।
एसटीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि पहले से गिरफ्तार अभियुक्त नवीन बंसल ने पूछताछ में बताया था कि वह ब्रांडेड दवाइयों की नकली स्ट्रिप पैकिंग एल्यूमिनियम फॉयल विजय कुमार पांडेय की कंपनी से प्रिंट करवाता था। विजय कुमार पांडेय ने वर्ष 2021 में एक फर्जी आईडी पर एक मोबाइल सिम भी नवीन बंसल को दिया था, जिसका उपयोग नकली दवा कारोबार के संचालन में किया जा रहा था।
गिरफ्तार विजय कुमार पांडेय मधुबनी, बिहार का निवासी है और वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के बद्दी में रहता है। पुलिस अन्य राज्यों से भी उसके आपराधिक संबंधों की जांच कर रही है।
उत्तराखण्ड पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ के निर्देश पर एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर के नेतृत्व में इस पूरे गिरोह का रंगदारी और नकली दवाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी है, जिससे इस गंभीर समस्या को कड़ाई से रोका जा सके।