धराली। धराली आपदा कुछ लोगों को ऐसी गहरा जख्म दे गई है कि वह जीवन भर नहीं भर सकेंगे। अपनों की तलाश में आए सैकड़ो लोग भले ही धराली तक नहीं पहुंच सके हैं लेकिन दिल में अपनों के जीवित होने की उम्मीदे और आंखों में आंसू भर वह उनके बारे में कोई सूचना मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
मीडिया कर्मियों द्वारा जब इन लोगों से कुछ भी पूछा जाता है तो उनकी आंखों से आंसू छलक पड़ते हैं। यहां आए लोगों में कुछ ऐसे भी हैं जिनके दो से लेकर 6 परिजन तक यहंा काम करते थे लेकिन अब किसी का कोई पता नहीं चल पा रहा है। सेना के आठ जवानों से लेकर अगर इन तमाम लोगों के परिजनों से बात की जाए तो इनकी संख्या 100 से 150 तक के बीच है। एक बूढ़े माता-पिता का कहना है कि उनके 6 बेटों सहित उनके परिचित 26 लोग यहां काम करते थे लेकिन अभी तक किसी से भी संपर्क नहीं हो सका है। लापता लोगों में अधिकांश नेपाली व तिब्बती तथा बिहार, यूपी आदि राज्यों के हैं जो यहां होटलों में काम करते थे। आपदा को आए आज 5 दिन का समय हो चुका है जैसे-जैसे समय बीत रहा है लापता लोगों के मरने की संभावनाएं बढ़ती जा रही है जो मलबे में दबे हैं अब उनके जीवित होने की संभावनाएं लगभग खत्म हो चुकी है। लोगों का कहना है कि उन्हें कुछ तो पता चले कि हमारे परिजनों का आखिर हुआ क्या? वह किस हाल में है। जीवित भी है या नहीं यहां कोई अपने बच्चों को तलाश रहा है तो कोई अपने भाई और कोई अपने पति या रिश्तेदार को। लेकिन उन्हें उनके सवालों का जवाब कोई देने वाला नहीं है।
धराली : अपनों की तलाश में भटक रहे हैं लोग
6
previous post