उत्तरकाशी। धराली में आई आपदा का आज तीसरा दिन है। युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान जारी है, लेकिन धराली और हर्षिल गए लोगों से किसी प्रकार का संपर्क न होने के कारण परिजन दर-दर भटक रहे हैं। उनकी आंखें अपनों को तलाश रही है। आज परिजन सीएम धामी से मुलाकात कर अपनों की सकुशल तलाश की गुहार लगाते नजर आए। लापता परिजनों की खोज की आस में वो अपने आंसू नहीं रोक पाए। धराली और छोलमी गांव के ग्रामीण अपने लोगों की सूचना की आस में आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम और जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे हैं। जहां गुरूवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी में आपदा ग्रस्त धराली से रेस्क्यू कर लाए गए लोगों से मुलाकात की। साथ ही उनकी कुशलक्षेम जाना। जिला अस्पताल पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी से भी धराली के ग्रामीणों ने गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान की अगुवाई में मुलाकात कर जल्द ही उनके परिजनों की खोज की मांग की।
इस दौरान महिलाएं अपने आंसू नहीं रोक पाईं और वो फूट-फूट कर रो पड़ीं। ग्रामीणों ने कहा कि इस हादसे में एक परिवार भी लापता है। उन्होंने सीएम धामी अपनों की सकुशल वापसी की गुहार लगाई। इस पर सीएम धामी ने उन्हें ढांढस बंधाकर जल्द ही परिजनों की जानकारी का आश्वासन दिया।
धराली और छोलमी गांव के मनोज नेगी, दिनेश रावत, सतेंद्र नेगी, संजय पंवार ने बताया कि उनके गांव में आपदा को आए तीन दिन का समय हो गया है, लेकिन वहां पर किसी भी परिजन और परिवार के लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। वहां पर नेटवर्क सुविधा बहाल न होने के कारण असमंजस की स्थिति में है कि आखिर उनके परिजन कहां है? उन्होंने कहा कि आपदा के दिन धराली गांव में मेले के साथ नवयुवक मंगल दल की बैठक भी थी, लेकिन उस बैठक में मौजूद किसी भी युवा से उनकी संपर्क नहीं हो पा रहा है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र में नेटवर्क, बिजली की सुविधा बहाल कर उनके परिजनों से संपर्क करवाया जाए। गौर हो कि बीती 5 अगस्त को धराली में खीर गंगा गाड़ में जल सैलाब आ गया था। जिसकी चपेट में मकान, होटल, होमस्टे, सेब की बगीचे आ गए। चंद मिनटों में ही सारा नक्शा ही बदल गया। अब चारों ओर मलबा और गाद नजर आ रहा है। जहां मलबे में लापता लोगों की तलाश की जा रही है तो फंसे हुए लोगों का रेस्क्यू किया जा रहा है।
धराली आपदा में लापता अपनों की तलाश में भटक रहे लोग
सीएम धामी के आगे फूट-फूट कर रोयीं महिलाएं
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