देहरादून, 9 जुलाई 2025 | हमारी चौपाल संवाददाता
उत्तराखंड में राशन प्रणाली को पारदर्शी और लाभार्थियों के लिए अधिक जवाबदेह बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। जिला पूर्ति अधिकारी, देहरादून के कार्यालय से जारी एक प्रेस नोट के अनुसार, अब समस्त राशन कार्ड धारकों और उनके परिवार के प्रत्येक सदस्य का बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। इस व्यवस्था को ई-केवाईसी (eKYC) प्रक्रिया के माध्यम से लागू किया जा रहा है, जिसका संचालन सरकारी सस्ता गल्ला दुकानों पर स्थापित नई बायोमेट्रिक मशीनों से किया जाएगा।
हर सदस्य की उपस्थिति अनिवार्य
राशन कार्ड में शामिल सभी परिवारजनों को आधार कार्ड लेकर अपने संबंधित सस्ता गल्ला विक्रेता की दुकान पर जाना होगा। वहां पर दुकान संचालक द्वारा उपलब्ध बायोमेट्रिक सत्यापन मशीन के माध्यम से आधार और राशन कार्ड की जानकारी दर्ज कर सभी सदस्यों का सत्यापन किया जाएगा। विशेष बात यह है कि प्रत्येक सदस्य को अपनी अंगुली की छाप (फिंगरप्रिंट) मशीन पर देनी होगी, जिसके बाद उसका बायोमेट्रिक सत्यापन पूर्ण होगा।
यह पूरी प्रक्रिया केवल 1 से 2 मिनट का समय लेगी और इसे एक बार करवा लेने के बाद पुनः ई-केवाईसी करवाने की आवश्यकता नहीं होगी।
क्यों जरूरी है यह प्रक्रिया?
जिला पूर्ति अधिकारी श्री केके अग्रवाल के अनुसार, यह प्रक्रिया फर्जी लाभार्थियों की पहचान रोकने, राशन वितरण में पारदर्शिता लाने और सही पात्र व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है। कई बार देखने में आया है कि एक ही व्यक्ति के नाम पर कई कार्ड बने होते हैं या एक परिवार के वास्तविक सदस्य के स्थान पर कोई और राशन ले रहा होता है। ई-केवाईसी प्रक्रिया ऐसे सभी कदाचारों को रोकने में सहायक सिद्ध होगी।
क्या है प्रक्रिया?
1. राशन कार्ड में शामिल हर सदस्य को अपने आधार कार्ड के साथ संबंधित सस्ता गल्ला दुकान पर जाना होगा।
2. विक्रेता द्वारा राशन कार्ड नंबर/आधार नंबर दर्ज किया जाएगा।
3. फिर हर सदस्य को मशीन पर फिंगरप्रिंट देना होगा।
4. सत्यापन पूर्ण होने पर ही ई-केवाईसी प्रक्रिया सफल मानी जाएगी।
क्या होगा अगर ई-केवाईसी नहीं कराया?
जिन लोगों ने ई-केवाईसी नहीं कराया है, उन्हें भविष्य में राशन प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है। ऐसे में सभी उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि वे समय रहते इस प्रक्रिया को पूरा करें।
यह व्यवस्था उपभोक्ताओं को सही समय पर राशन मिलने में सहायता करेगी और अपात्र व्यक्तियों द्वारा योजनाओं का अनुचित लाभ उठाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगेगा। इसके अतिरिक्त यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह प्रक्रिया पूर्णतः निशुल्क है और इसमें कोई भी परेशानी आने पर उपभोक्ता अपने क्षेत्रीय पूर्ति अधिकारी या जिला पूर्ति कार्यालय, देहरादून से संपर्क कर सकते हैं।
“सही व्यक्ति को उसका हक मिले” – यही है उद्देश्य
विश्लेषकों की ओर से इसे जनता और प्रशासन के बीच भरोसे और पारदर्शिता की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। यह पहल न केवल सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में सहायक होगी, बल्कि आमजन को उनके अधिकार दिलाने में भी मील का पत्थर साबित होगी।
हमारी चौपाल भी आपसे अपील करता है — यदि आपने अभी तक अपने राशन कार्ड की ई-केवाईसी नहीं कराई है, तो शीघ्र करें और इस जरूरी कार्य में सहयोग प्रदान करें।