HamariChoupal,08,07,2025
लेह, 7 जुलाई 2025( हमारी चौपाल)जहाँ अधिकतर लोग सिर्फ तमाशबीन बनकर गुजर जाते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं जो अपने साहस, सेवा और मानवीय संवेदना से मिसाल बन जाते हैं। ऐसा ही अद्वितीय उदाहरण पेश किया HRTC के केलांग डिपो के ड्राइवर कमलेश कुमार और कंडक्टर पंकज रावत ने, जिन्होंने 18000 फीट ऊंचे तंगलंग-ला दर्रे पर जान पर खेलकर दो घायल लोगों की जान बचाई।
मामला सोमवार सुबह का है। HRTC की बस, जो लेह से दिल्ली की ओर आ रही थी, तड़के करीब 8 बजे तंगलंग-ला टॉप पर पहुँची। वहाँ ड्राइवर और कंडक्टर की नजर लगभग 200 मीटर नीचे गिरी एक जीप पर पड़ी, जिसमें ड्राइवर सहित दो लोग गंभीर रूप से घायल पड़े हुए थे। यह दुर्घटना संभवतः रात 3 बजे के आसपास हुई थी, और तब से दोनों घायल बेसुध अवस्था में वहीं पड़े थे।
अत्यधिक ऊँचाई और कम ऑक्सीजन स्तर वाली इस कठिन परिस्थिति में नीचे उतर कर रेस्क्यू करना किसी दुस्साहस से कम नहीं था। लेकिन बिना कोई देरी किए, HRTC के ड्राइवर और कंडक्टर ने निर्णय लिया कि वे इन घायलों को किसी भी हालत में बचाकर ही रहेंगे। उनकी इस पहल में बस के कुछ यात्री भी उनके साथ आ गए।
बिना किसी विशेष रेस्क्यू उपकरण के, कमलेश कुमार और पंकज रावत ने अपने स्लीपिंग बैग को स्ट्रेचर की तरह इस्तेमाल किया और बड़ी सूझबूझ व मेहनत से दोनों घायलों को ऊपर सड़क तक लाए। इसके बाद उन्हें बस की अंतिम सीट पर लिटाकर, लगभग 50 किलोमीटर दूर पांग स्थित आर्मी अस्पताल तक पहुंचाया गया।
प्रारंभिक जांच में सामने आया कि दोनों घायलों की टाँगें टूट चुकी थीं। सेना की ओर से प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को एयरलिफ्ट कर लद्दाख रेफर कर दिया गया, जहाँ आगे का इलाज चल रहा है।
इस साहसिक कार्य के लिए ड्राइवर कमलेश कुमार और कंडक्टर पंकज रावत को कोटिशः साधुवाद और सलाम।
दूसरों की जान को अपनी जान जितना महत्व देना हर किसी के बस की बात नहीं होती। ऐसे कर्मठ, संवेदनशील और साहसी कर्मचारियों को सम्मानित किया जाना न केवल आवश्यक है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा भी है।