देहरादून /विकासनगर, 1 जुलाई। उत्तराखंड के देहरादून जिले के सेलाकुई क्षेत्र में मंगलवार को पुलिस ने एक व्यापक सत्यापन अभियान चलाया, जिसमें हॉस्टल, होम स्टे, और किराये के मकानों में रहने वाले बाहरी लोगों, छात्रों, और किरायेदारों की जांच की गई। इस अभियान में कुल 900 व्यक्तियों का सत्यापन किया गया, और नियमों का उल्लंघन करने वाले 42 हॉस्टल व मकान मालिकों पर 4 लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। इसके साथ ही, 25 व्यक्तियों को पूछताछ के लिए थाने लाया गया।
अभियान का उद्देश्य
सेलाकुई पुलिस थाना प्रभारी पीडी भट्ट ने बताया कि यह अभियान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह के निर्देश पर चलाया गया। इसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में रहने वाले बाहरी व्यक्तियों और किरायेदारों का सत्यापन कर यह सुनिश्चित करना था कि सभी के दस्तावेज और पहचान वैध हों। यह कदम क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए उठाया गया है। खासकर, सेलाकुई जैसे औद्योगिक और शैक्षिक केंद्र में, जहां बड़ी संख्या में बाहरी छात्र और कर्मचारी रहते हैं, इस तरह के अभियान से कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में मदद मिलती है।
सत्यापन की प्रक्रिया
पुलिस ने अभियान के लिए कई टीमें गठित कीं, जिन्होंने सेलाकुई क्षेत्र के विभिन्न हॉस्टलों, होम स्टे, और किराये के मकानों का दौरा किया। इन स्थानों पर रहने वाले बाहरी छात्रों, कर्मचारियों, और अन्य किरायेदारों के दस्तावेजों की जांच की गई। इस दौरान पुलिस ने आधार कार्ड, किरायेदारों के सत्यापन फॉर्म, और अन्य पहचान पत्रों की जांच की। कुल 900 व्यक्तियों का सत्यापन किया गया, जिसमें छात्रों और श्रमिकों की बड़ी संख्या शामिल थी।
नियमों का उल्लंघन और जुर्माना
सत्यापन के दौरान पाया गया कि 42 हॉस्टल और मकान मालिकों ने अपने किरायेदारों का सत्यापन नहीं कराया था, जो उत्तराखंड पुलिस अधिनियम के तहत अनिवार्य है। नियमों का उल्लंघन करने पर इन मालिकों का चालान किया गया और प्रत्येक पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया, जिससे कुल 4 लाख 20 हजार रुपये की वसूली हुई। इसके अतिरिक्त, 25 व्यक्तियों को संदिग्ध गतिविधियों या अपूर्ण दस्तावेजों के कारण पूछताछ के लिए थाने लाया गया। इनमें से कुछ को चेतावनी देकर छोड़ा गया, जबकि अन्य के दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है।
स्थानीय महत्व और प्रभाव
सेलाकुई, देहरादून का एक प्रमुख औद्योगिक और शैक्षिक केंद्र है, जहां बड़ी संख्या में छात्र और कर्मचारी रहते हैं। इस क्षेत्र में कई हॉस्टल और होम स्टे संचालित होते हैं, जो बाहरी लोगों को आवास प्रदान करते हैं। हालांकि, सत्यापन की कमी के कारण कई बार आपराधिक गतिविधियों का खतरा बढ़ जाता है। इस अभियान ने न केवल मकान मालिकों को नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया है, बल्कि स्थानीय निवासियों में भी सुरक्षा की भावना को बढ़ाया है।
पुलिस का बयान
थानाध्यक्ष पीडी भट्ट ने कहा, “यह अभियान क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए चलाया गया है। हमने सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी हॉस्टल और मकान मालिक अपने किरायेदारों का सत्यापन अनिवार्य रूप से कराएं। ऐसा न करने वालों के खिलाफ भविष्य में भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह के अभियान नियमित अंतराल पर चलाए जाएंगे ताकि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।