हमारी चौपाल संवाददाता, अल्मोड़ा
अल्मोड़ा, 25 अप्रैल 2025 : पुलिस महानिरीक्षक कुमायूँ परिक्षेत्र श्रीमती रिधिम अग्रवाल के अल्मोड़ा जनपद भ्रमण के दौरान पुलिस लाइन परिसर में एक विशेष अपराध गोष्ठी, सैनिक सम्मेलन और निर्माण कार्यों का निरीक्षण संपन्न हुआ। इस दौरान उन्होंने कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, नशा उन्मूलन, साइबर अपराध रोकथाम और पुलिसिंग के आधुनिकीकरण पर विशेष बल दिया।
गार्द सम्मान के साथ हुआ आगमन
आईजी महोदया के आगमन पर पुलिस लाइन में सजीव गार्द सलामी दी गई। इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और क्षेत्रीय अधिकारियों की उपस्थिति में अपराध समीक्षा व सैनिक सम्मेलन का आयोजन हुआ।
उक्त बैठक में एसएसपी अल्मोड़ा देवेन्द्र पींचा, अपर पुलिस अधीक्षक हरबंस सिंह, सीओ अल्मोड़ा गोपाल दत्त जोशी, सीओ रानीखेत विमल प्रसाद एवं सीओ दूरसंचार राजीव टम्टा सहित सभी थाना प्रभारी मौजूद रहे।
सैनिक सम्मेलन: समस्याएं सुनीं, समाधान के निर्देश दिए
सैनिक सम्मेलन के दौरान महिला एवं पुरुष पुलिसकर्मियों की व्यक्तिगत और विभागीय समस्याएं सुनी गईं। आईजी महोदया ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर समस्या का त्वरित और न्यायोचित समाधान सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि “हर जवान की संतुष्टि ही सेवा का मूल है, और पुलिसिंग का आधार भी।”
इस अवसर पर उन्होंने बीट पुलिसिंग को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। प्रत्येक बीट कर्मी को अपने क्षेत्र में विजिबल रहकर ‘स्मार्ट पुलिसिंग’ अपनाने की सलाह दी गई।
विशेष रूप से महिला कर्मियों को जिम्मेदारीपूर्ण कार्यों में सहभागी बनाने पर जोर देते हुए कहा गया कि इससे उनका मनोबल बढ़ेगा और संगठन को सशक्त नेतृत्व प्राप्त होगा।
अपराध समीक्षा बैठक: सख्ती और संवेदनशीलता का संतुलन
आईजी श्रीमती रिधिम अग्रवाल ने समस्त थानों में दर्ज अपराधों, लम्बित विवेचनाओं और लंबित शिकायतों की बारीकी से समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि:
महिला व नाबालिगों के प्रति अपराधों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विवेचकों व थाना प्रभारियों की व्यक्तिगत जवाबदेही तय की जाएगी।
लंबित समन, नोटिस, वारंट की शत-प्रतिशत तामीली सुनिश्चित की जाए।
नशा तस्करी करने वालों पर कठोर व गुणवत्तापूर्ण विवेचना की जाए।
नशे से अर्जित संपत्ति की पहचान कर जब्ती की कार्यवाही की जाए।
उन्होंने कहा कि समाज में व्याप्त “नशे के नेटवर्क को जड़ से उखाड़ना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।”
पर्यटन और यातायात: तकनीक आधारित रणनीति
पर्यटन सीजन की दृष्टि से यातायात व्यवस्था पर भी चर्चा हुई।
कैंचीधाम की ओर जाने वाले मार्गों पर सुचारू यातायात हेतु Google Maps में ट्रैफिक जाम दर्शाने की योजना बनाई जा रही है।
सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए कि पर्यटकों के साथ शालीन व्यवहार किया जाए, जिससे उत्तराखंड की ‘अतिथि देवो भवः’ की संस्कृति बनी रहे।
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने हेतु ओवरलोडिंग, शराब पीकर वाहन चलाने, रैश ड्राइविंग जैसे मामलों पर सख्त कार्यवाही के निर्देश भी दिए गए।
साइबर सुरक्षा व अग्निकाल सतर्कता: भविष्य की तैयारी
आईजी महोदया ने साइबर अपराधों पर विशेष चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आधुनिक तकनीक का दुरुपयोग रोकने के लिए थानों में पुलिसकर्मियों को डिजिटल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
साथ ही फायर सीजन को दृष्टिगत रखते हुए सभी थानाध्यक्षों को सतर्क रहने, एसडीआरएफ, फायर एवं पुलिस टेलीकॉम के साथ समन्वय बनाकर आपातकालीन प्रशिक्षण कराने के निर्देश दिए गए।
अभिनंदन और उत्साहवर्धन: उत्कृष्ट कार्य का सम्मान
आईजी महोदया ने पुलिस कर्मियों के उत्कृष्ट कार्यों को सराहा और 5 अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र व नकद पुरस्कार से सम्मानित किया:
उ0नि0 दिनेश परिहार (प्रभारी चौकी जैंती)
उ0नि0 राजेन्द्र कुमार (प्रभारी चौकी ताकुला)
हेड कांस्टेबल मनोज कोहली (थाना दन्या)
हेड कांस्टेबल अवधेश कुमार (एसओजी अल्मोड़ा)
कांस्टेबल नीरज मेहरा (थाना सोमेश्वर)
भवन निर्माण कार्यों का निरीक्षण
इसके पश्चात आईजी महोदया ने पुलिस लाइन में निर्माणाधीन महिला बैरक व प्रशासनिक भवनों का निरीक्षण किया। उन्होंने कार्यदायी संस्था को निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्ध पूर्णता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी कहा कि,
“पुलिस आधुनिकीकरण केवल तकनीक तक सीमित नहीं, बल्कि बेहतर आवास व कार्यस्थल भी इसमें सम्मिलित हैं।”
समापन संदेश: जनसेवा सर्वोपरि
आईजी महोदया ने अंत में सभी पुलिसकर्मियों को टीम भावना के साथ कार्य करते हुए जनसेवा को सर्वोपरि रखने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि आधुनिक पुलिसिंग के युग में कर्तव्यनिष्ठा, संवेदनशीलता और तकनीकी दक्षता ही सबसे बड़ा हथियार हैं।