देहरादून, 1 अप्रैल 2025(हमारी चौपाल ) उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने आज आयोग कार्यालय में विभिन्न स्कूलों द्वारा बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन के मामलों पर सख्त सुनवाई की। आयोग ने स्कूलों की मनमानी पर कड़ा रुख अपनाते हुए कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए।
एन मेरी स्कूल की फीस वृद्धि पर जांच के आदेश
एन मेरी स्कूल, देहरादून की फीस वृद्धि के मामले में आयोग ने स्कूल के प्रधानाचार्य, शिकायतकर्ता और मुख्य शिक्षा अधिकारी की उपस्थिति में सुनवाई की। स्कूल द्वारा फीस वृद्धि का संतोषजनक जवाब न देने और फीस का विवरण उपलब्ध न कराने पर आयोग ने खंड शिक्षा अधिकारी रायपुर को मामले की जांच करने का आदेश दिया है। स्कूल को 5 अप्रैल 2025 तक फीस का विवरण आयोग को सौंपने का निर्देश दिया गया है।
सींगली हिल इंटरनेशनल स्कूल को छात्रा को न निकालने की चेतावनी
सींगली हिल इंटरनेशनल स्कूल द्वारा फीस जमा न करने पर छात्रा को निकालने और मानसिक उत्पीड़न करने के मामले में आयोग ने स्कूल को कड़ी चेतावनी दी। आयोग ने स्कूल को छात्रा को किसी भी कीमत पर न निकालने का निर्देश दिया और अभिभावक द्वारा जमा की गई फीस का विवरण मांगा। खंड शिक्षा अधिकारी सहसपुर, देहरादून को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है। स्कूल को शिकायत निवारण समिति और पीटीए गठित करने का भी निर्देश दिया गया है। आयोग ने स्कूल के संस्थापक की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई और उन्हें अगली सुनवाई में उपस्थित होने का निर्देश दिया।
निर्मल आश्रम दीपमाला पगारानी पब्लिक स्कूल को काउंसलिंग और समितियों के गठन का निर्देश
निर्मल आश्रम दीपमाला पगारानी पब्लिक स्कूल को बच्चे की काउंसलिंग कराने और पोक्सो कमेटी, शिकायत कमेटी और अनुशासनात्मक समिति गठित करने का निर्देश दिया गया है। स्कूल को सभी स्टाफ के लिए आरटीई, पोक्सो और जेजे एक्ट पर कार्यशाला आयोजित करने का भी निर्देश दिया गया है।
अन्य महत्वपूर्ण मामले
* एक बालिका के उत्पीड़न के मामले में आयोग ने विस्तृत जांच के आदेश दिए।
* एक नाबालिग बालिका के जाति प्रमाण पत्र और स्थायी निवास प्रमाण पत्र के मामले में आयोग ने मुख्य शिक्षा अधिकारी, तहसीलदार और एसडीएम ऋषिकेश को प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया।
* दून वैली इंटरनेशनल स्कूल के संस्थापक संजय चौधरी के बार-बार बुलाने पर भी उपस्थित न होने पर आयोग ने समन जारी करने का निर्देश दिया। खंड शिक्षा अधिकारी रायपुर की रिपोर्ट को भी असंतोषजनक पाया गया, जिस पर आयोग ने सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया।
सुनवाई में आयोग के सचिव डॉ. शिव कुमार बरनवाल और अनुसचिव डॉ. एस.के. सिंह उपस्थित थे।
आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने कहा कि बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आयोग इस दिशा में सख्त कार्रवाई करेगा।
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग का सख्त रुख, स्कूलों की मनमानी पर कसा शिकंजा
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