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देहरादून,24जनवरी2025(आरएनएस)उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है जहां समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि राज्य में यूसीसी इसी महीने लागू किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, सरकार इसे 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस के अवसर पर लागू करने की घोषणा कर सकती है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यूसीसी को लेकर नियमावली को पहले ही 20 जनवरी को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड की जनता ने हमें यूसीसी लागू करने का जनादेश दिया था, और हम इसे पूरा कर रहे हैं। इससे तुष्टिकरण की राजनीति खत्म होगी और समाज में समानता की दिशा में नया अध्याय शुरू होगा।”
महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष जोर
सीएम धामी ने बताया कि यूसीसी में महिलाओं के अधिकार और उनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि हलाला, बहु-विवाह जैसी कुप्रथाओं को खत्म किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार लिव-इन रिलेशनशिप पर प्रतिबंध नहीं लगा रही है, लेकिन इसे पंजीकृत करना अनिवार्य होगा।
उन्होंने कहा, “लिव-इन में रहने वालों को अपने माता-पिता से अनुमति लेनी होगी। हमारा उद्देश्य प्राइवेसी खत्म करना नहीं, बल्कि सुरक्षा सुनिश्चित करना है।”
मुख्य प्रावधान:
विवाह का पंजीकरण अनिवार्य।
पति-पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह पूरी तरह प्रतिबंधित।
तलाक लेने का समान अधिकार सभी धर्मों में लागू।
बेटी और बेटे को संपत्ति में समान अधिकार।
मुस्लिम समुदाय में हलाला और इद्दत की प्रथा पर रोक।
जायज और नाजायज बच्चों में संपत्ति के अधिकार को लेकर कोई भेदभाव नहीं।
वेब पोर्टल और मोबाइल एप से होगी प्रक्रिया पारदर्शी
सरकार ने समान नागरिक संहिता के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए वेब पोर्टल और मोबाइल एप तैयार किए हैं। अब इनका परीक्षण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह तकनीकी माध्यम पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।
कार्मिकों को मिलेगा प्रशिक्षण
कानून को धरातल पर उतारने के लिए ब्लॉक स्तर पर राजस्व, पुलिस, स्थानीय निकाय और अभियोजन विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। सीएससी एसपीवी और आइटीडीए जैसी संस्थाएं तकनीकी और कानूनी सहायता प्रदान करेंगी।
देवभूमि की सुरक्षा पर फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई का जिक्र करते हुए बताया कि अब तक 5,500 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। साथ ही, पहचान छुपाकर रह रहे लोगों और अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों व रोहिंग्या मुसलमानों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड बनेगा मिसाल
सीएम धामी ने कहा, “समान नागरिक संहिता की गंगा देवभूमि से निकल रही है। यह केवल कानून नहीं, बल्कि उत्तराखंड से एक नई सामाजिक क्रांति की शुरुआत है।”
सभी की निगाहें अब गणतंत्र दिवस पर हैं, जब उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की औपचारिक घोषणा हो सकती है।