हल्द्वानी(आरएनएस)। दुष्कर्म एवं पॉक्सो के मुकदमे के फरार आरोपी नैनीताल दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा को पुलिस ने बुधवार को यूपी में रामपुर से गिरफ्तार कर लिया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद 24 दिनों से पुलिस को चकमा दे रहा भाजपा से निष्कासित बोरा 18 सितंबर को उत्तराखंड से भागने के बाद जयपुर में छिपा बैठा था। एसएसपी पीएन मीणा ने बोरा की गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाने के इरादे से रामपुर में अपने वकील से मिलने आया था। इस दौरान पुलिस टीम ने उसे चक्कू चौक से गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी ने आरोपी को गिरफ्तार करने वाली टीम को 2500 रुपये इनाम की घोषणा की है।
बुधवार दोपहर कोतवाली स्थित बहुद्देशीय भवन सभागार में मीडिया से बातचीत में एसएसपी मीणा ने बताया कि बीती एक सितंबर को मुकेश बोरा के खिलाफ लालकुआं कोतवाली में एक महिला ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। तीन दिन बाद इस मामले में पीड़िता की बेटी से छेड़छाड़ का भी आरोप बोरा पर लगा और मुकदमे में पॉक्सो ऐक्ट बढ़ा दिया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद से आरोपी लगातार पुलिस को चकमा दे रहा था। एसएसपी ने बताया कि आरोपी छिपने के लिए यूपी, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश तक भागा। बीच में 13 से 17 सितंबर तक गिरफ्तारी से राहत मिलने पर वह वापस उत्तराखंड लौटा और कोर्ट के आदेश पर अल्मोड़ा कोतवाली में इस दौरान अपनी उपस्थिति दर्ज कराने आया लेकिन राहत की यह अवधि पूरी होने से पहले ही 16 सितंबर को बोरा अल्मोड़ा से फरार हो गया। इसके बाद वह लखनऊ, नोएडा और जयपुर में छिपा। एसएसपी ने बताया कि फरारी के दौरान बोरा ने लगातार अपने ठिकाने बदले। मुकदमा दर्ज होने के 25वें दिन बुधवार 25 सितंबर की सुबह वह अग्रिम जमानत की याचिका लगाने के संबंध में अपने वकील से मिलने के लिए रामपुर आया था। बोरा को तलाश रही पुलिस ने सर्विलांस और सीसीटीवी के जरिए उसे ट्रेस किया और रामपुर के चक्कू चौक से उसे गिरफ्तार कर लिया। बुधवार शाम उसे हल्द्वानी कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट के आदेश पर उसे हल्द्वानी उप कारागार जेल भेज दिया गया। उधर, एसएसपी ने बोरा को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को ढाई हजार रुपये इनाम की घोषणा की है।
अब आगे क्या
मुकेश बोरा अब भी नैनीताल दुग्ध संघ, लालकुआं अध्यक्ष के पद पर बना हुआ है। गंभीर आरोप और 24 दिन फरार रहने के बाद हुई गिरफ्तारी के बाद भी बोरा ने यह पद नहीं छोड़ा है। डेरी निदेशक संजय कुमार खेतवाल ने बताया कि डेरी बोर्ड ऐक्ट के अनुसार, जब तक कोर्ट से दोष सिद्ध नहीं हो जाता है, तब तक अध्यक्ष पद से नहीं हटाया जा सकता है। या फिर आरोपी खुद पद से त्यागपत्र दे। फिलहाल आरोपी बोरा नैनीताल दुग्ध संघ अध्यक्ष के पद पर बना हुआ है।
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