देहरादून(आरएनएस)। राज्य के विभिन्न विभागों में वर्षों से सेवाएं दे रहे आउटसोर्स, मानदेय आधारित कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य का मुद्दा सदन में गूंजेगा। ये वो कर्मचारी हैं जो उपनल के लिए जरिए विभिन्न विभागों में वर्षों से नौकरी कर रहे हैं लेकिन हर वक्त उन पर तलवार लटकी रहती है। गुरूवार को कांग्रेस सदन में इस प्रमुख विषय के रूप में उठाने जा रही है। उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने बताया कि नियम 58 के तहत कांग्रेस इसे लोकमहत्व के विषय में सदन में उठाएगी। कहा कि उत्तराखंड में रोजगार बहुत बड़ा विषय है। उत्तराखंड को अलग राजय बनाने के आंदोलन में यह पीड़ा भी प्रमुखता से शामिल थी। लेकिन राज्य गठन के बाद से ही नौजवान खुद को छला हुआ महसूस कर रहा है।
उन्होंने कहा कि आउटसोर्स आधार पर हजारों युवाओं का भविष्य दांव पर लगा है। उपनल के जरिए कई विभागों में 20 हजार से ज्यादा लोग अल्प मानदेय पर काम कर रहे हैं। 10 से 15 साल की सेवा करने के बाद भी उनकी नौकरी सुरक्षित नहीं है। उम्र के इस पड़ाव में आकर ये लोग कहां जाएंगे? यही हाल अतिथि शिक्षकों का भी है। डिग्री कालेज और माध्यमिक स्कूलों में अतिथि शिक्षक नियुक्त हैं। उनकी नौकरी कब खत्म हो जाए, कुछ पता नहीं होता। कापड़ी ने कहा कि सरकार से मांग की जाएगी कि प्रदेश के सभी अस्थायी कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए ठोस नीति बनाए। जिस प्रकार संविदा, दैनिक वेतनभोगी कर्मियों के नियमितीकरण के लिए नियमावली तैयार कर रही है। उसी प्रकार आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए ठोस व्यवस्था करें।
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