ऋषिकेश(आरएनएस)। देश के अन्य राज्यों में चारों धामों के नामों के दुरुपयोग पर सख्त कानून बनाने के फैसले पर साधु संतों और संस्कृत जगत से जुड़े ऋषिकुमारों ने खुशी जताई है। फैसले का स्वागत करते हुए साधु-संतों ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को आभार पत्र भेजा है। शुक्रवार को साधु संतों और संस्कृत जगत से जुड़े युवाओं ने ऋषिकेश तहसील पहुंचकर एसडीएम के माध्यम से सीएम को धन्यवाद पत्र भेजा। दर्शन महाविद्यालय के प्रबंधक संजय शास्त्री ने कहा कि सरकार ने चारों धामों के नाम से देश के अन्य किसी भी स्थान पर मंदिर निर्माण नहीं हो सकेगा, ऐसा फैसला लिया है, जो स्वागत योग्य है। यह निर्णय उत्तराखंड की जनमानस की आस्था का सम्मान है। शंकराचार्य आश्रम के प्रबन्धक केशव स्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि अब कोई संस्था या ट्रस्ट चार धामों के नाम से अन्य स्थान पर मन्दिर या धाम निर्माण नहीं करा पाएगी। सरकार का यह फैसला प्रदेश वासियों की आस्था का संरक्षण और संवर्धन करने वाला है। लाखों लोग गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ एवं केदारनाथ धाम दर्शन करने यहां आते हैं। सम्पूर्ण भारतवासियों का आस्था का केंद्र यह चारों धाम हैं। मौके पर प्रबन्धकीय संस्कृत शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. जनार्दन कैरवान, तुलसी मानस मन्दिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य, दयाराम दास महराज, आचार्य सुशील नौटियाल, पुरुषोत्तम कोठारी, दिनेश सती, एलपी पुरोहित, करुणाशरण महाराज, सुभाष डोभाल, जितेन्द्र भट्ट, शान्ति प्रसाद मैठाणी, राम प्रसाद सेमवाल, सूरज विजल्वान, सुरेश पंत, शैलेंद्र मिश्रा, शुभम भट्ट, आयुष जुयाल, मानस डबराल, अंश सती, नितिन उनियाल, सागर नौटियाल आदि उपस्थित रहे।
प्रदेश सरकार के फैसले पर जताई खुशी
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