Saturday , November 23 2024

यौम-ए-आशूर पर गूंजी या हुसैन… या हुसैन की सदाएं…  

विकासनगर(आरएनएस)।  मुहर्रम की दसवीं तारीख यौम-ए-आशूर के दिन अंबाड़ी में या हुसैन… या हुसैन की सदाएं गूंजती रहीं। हक और इंसानियत को बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले पैगंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन सहित करबला के शहीदों का गम मनाने के लिए अकीदतमंद बेकरार दिख रहे थे। शिया समुदाय ने जुलूस और ताजिये निकालकर करबला में हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों के बलिदान को याद किया। जुलूस में हर किसी की आखें नम दिखाई दीं। बुधवार को अंबाड़ी के इमामबाड़ा में शिया समुदाय के लोग एकत्र हुए। जुलूस में बड़ी संख्या को देखते हुए पुलिस बल तैनात रहा और जुलूस के साथ चलता रहा। मातमी जुलूस में बच्चे, महिलाएं और पुरुष काले लिबास में नजर आए। जुलूस निकलने से पहले इमामबाड़े में मजलिस को मौलाना ने खिताब किया। बताया इमाम हुसैन ने दुनिया में बराबरी और अमन का संदेश दिया। उनका बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा। वह हक और इंसाफ के लिए अत्याचारी ताकतों से लड़ते रहे। जुलूस में शामिल सैकड़ों की संख्या में अजादार जंजीर का मातम और कमां लगाकर इमाम हुसैन को अपने खून से पुरसा देते हुए चल रहे थे। डाकपत्थर रोड स्थित करबला में ताजिया को सुपुर्दे खाक किया गया। मातमी जुलूस में मुराद हसन, जमाल हसन, फिरोज खान, अरबाज, अयूब खान, नवाब खान, दानिश, शहबाज, रानू आदि शामिल रहे।

About admin

Check Also

सुनियोजित ढंग से संचालित हो रही है, मसूरी शटल सेवा, डीएम के निर्देशन में धरातल पर उतर रही है नई व्यवस्था

देहरादून दिनांक 22 नवम्बर 2024, (जि.सू.का), जिला प्रशासन के प्रयासों से मसूरी को अब जाम …