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उत्तराखंड : मजदूरों को सुरंग से निकालने का मिशन लगातार 13वें दिन रहा जारी

उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 41 मजदूरों को सुरंग से निकालने का मिशन लगातार 13वें दिन जारी है। अब भी मजदूर को निकालने के लिए मलबे में 15 मीटर सुराख करके पाइप बिछाने का काम बाकी है। इस बीच नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) ने इस मिशन को बेहद मुश्किल बताते हुए इसकी तुलना किसी युद्ध से की है। लेफ्टिनेंट जरनल (रिटायर्ड) सैयद अता हसनैन ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिलक्यारा सुरंग को लेकर मीडियो को अपडेट किया। उन्होंने कहा, ‘यह बहुत मुश्किल ऑपरेशन है, बहुत चुनौतीपूर्ण है। यह किसी लड़ाई से कम नहीं है। यह भारत की संतानों को बचाने की जंग है जो पहाड़ों में मेहनत कर रहे हैं। भारत सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई ऐसी चीज ना रहे, कोई संसाधान ऐसा ना बचे कि जिसकी जरूरत हो और उपलब्ध ना हो।’

हसनैन ने कहा कि पाइप की वेल्डिंग के बाद ऑगर का दोबार इस्तेमाल किया जाएगा और इसमें थोड़ा वक्त लगेगा। उन्होंने आगे के मिशन को लेकर कहा, ‘अच्छी बात यह है कि ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार का इस्तेमाल किया गया जो एक कंपनी ने उपलब्ध कराई है। इसकी काबिलियत है कि मलबे में पांच मीटर तक धातु का पता लगा सके। इससे पता चला है कि अगले पांच मीटर में कोई अड़चन नहीं है। उसके बाद फिर रडार से आगे पांच मीटर की जांच की जाएगी। यह बहुत टेक्निकल चीज है, बहुत सावधानी से ऑपरेशन किया जा रहा है।’ उन्होंने मीडिया को इस तरह की ब्रेकिंग ना चलाने की नसीहत दी कि काम पूरा होने ही वाला है।
गौरतलब है सुरंग में करीब 50-60 मीटर तक मलबे का ढेर है, जिसके पीछे 41 मजदूर फंसे हुए हैं। मलबे के बीच ऑगर मशीन के जरिए 900 एमएम की पाइपलाइन बिछाई जा रही है। इस स्केप टनल के जरिए मजदूरों को निकाला जाएगा। हालांकि, मलबे में लोहे की छड़ होने की वजह से कई बार ऑगर मशीन में खराबी आ चुकी है। गुरुवार को पाइप का एक हिस्सा मुड़ गया था जिसे काटकर निकाला गया है।

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