Hamarichoupal,21,11,2023
जंक फूड हर कोई बड़े ही चाव से मजे लेकर खाता है. खासकर बच्चे और युवाओं की तो ये सबसे पहली पसंद है. जंक फूड (छ्वह्वठ्ठद्म स्नशशस्र) के आगे वे नेचुरल फूड्स को इग्नोर करते हैं. जिसका असर उनकी सेहत (॥द्गड्डद्यह्लद्ध) पर पड़ता है. जंक फूड की वजह से क्रोनिक बीमारियों से लेकर दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों और मोटापे का खतरा रहता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, फ्राइज, पास्ता, बर्गर जैसे जंक फूड या पैक्ड फूड्स को हमारा शरीर ट्राइग्लिसराइड्स में बदल देता है, जिससे लोग गंभीर बीमारियों का शिकार बन सकते हैं. आइए जानते हैं इसके नुकसान…
ट्राइग्लिसराइड क्या होता है
ट्राइग्लिसराइड्स हमारे शरीर के खून में मौजूद एक तरह का फैट (लिपिड) है. खाना खाने के दौरान, हमारा शरीर गैरज़रूरी कैलोरी को ट्राइग्लिसराइड्स में बदल देता है. इससे शरीर की कोशिकाओं में ज़्यादा मात्रा में ट्राइग्लिसराइड्स जमा हो सकती है. ट्राइग्लिसराइड्स शरीर की धमनियों को सख्त करने या धमनी की दीवारों को मोटा करने की वजह से भी बनती है और इस वजह से स्ट्रोक, हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियों (॥द्गड्डह्म्ह्ल ष्ठद्बह्यद्गड्डह्यद्ग) का रिस्क काफी बढ़ जाता है.
सेचुरेटेड फैट के नुकसान
सेचुरेटेड फैट वाली चीजें ट्राइग्लिसराइड के लेवल को तेजी बढ़ा सकती हैं. खाने की तली हुई चीज़ें, रेड मीट, अंडे की जर्दी, डेयरी प्रोडक्ट, मक्खन या फास्ट फूड वगैरह में सेचुरेटेड फैट बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है. इन चीजों का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
मीठी चीजें हैं खतरनाक
डायबिटीज के मरीजों को वैसे भी डॉक्टर मीठी चीज़ों से दूर रहने की सलाह देते हैं. लेकिन, डायबिटीज के शिकार लोगों में बहुत ज्यादा मुमकिन है कि मीठी चीज़ें खाने या पीने पर हमारा शरीर तुरंत ही ट्राइग्लिसराइड्स बनाने लगे. ऐसे में मीठी चीज़ों से दूरी बनाना ही बेहतर होता है.
बेक्ड आइटम से बनाएं दूरी
हाई ट्राइग्लिसराइड्स की वजह से हमारी सेहत को होने वाली अलग-अलग तरह की दिक्कतों को संभावनाओं से बचने के लिए, डाइट में से सैचुरेटेड फैट की मात्रा को कंट्रोल में या कम से कम रखना चाहिए. बेक्ड आइटम जैसे पेटीज, बन्स, चीज केक वगैरह से दूरी बनाकर रखें. इससे ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है.