देहरादून(आरएनएस)। प्रदेश के सबसे बड़े महाविद्यालय डीएवी कालेज के इतिहास में पहली बार महासचिव पद पर कोई प्रत्याशी निर्विरोध चुना गया है। वहीं एबीवीपी ने भी 25 साल बाद प्रत्याशी उतारा और वो महासचिव चुना भी गया। ये भी अपने आप में एक रिकार्ड है। इस जीत व रिकार्ड से एबीवीपी उत्साहित है और अध्यक्ष पद पर भी जीत को लेकर अब पूरी तरह से आश्वस्त दिख रही है। एबीवीपी ने सुमित कुमार को महासचिव पद पर प्रत्याशी बनाया था। उनकी टक्कर में सत्यम छात्र संगठन ने महासचिव के लिए गोविंद बिष्ट को उतार दिया। जबकि एनएसयूआई, आर्यन या किसी अन्य संगठन या निर्दलीय ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा। लेकिन गुरुवार को नामांकन वापसी के अंतिम समय में गोविंद बिष्ट ने अपना नामांकन वापस ले लिया। उन्होंने सुमित को समर्थन देते हुए एबीवीपी भी ज्वाइन कर ली। इसके बाद सुमित को निर्विरोध महासचिव घोषित कर दिया गया है। डीएवी में इतिहास में पहली बार महासचिव पद पर कोई प्रत्याशी बिना चुनाव के जीता है। वहीं 25 साल बाद एबीवीपी को भी ये सीट मिली है। इससे परिषद उत्साहित है। ऐसे में अब संगठन का पूरा फोकस अध्यक्ष पद के प्रत्याशी यशवतं की जीत पर है। ऐसे में यशवंत की जीत को लेकर भी परिषद आश्वस्त दिख रही है। क्योंकि सत्यम और आर्यन के कई छात्र नेता भी गुरुवार को एबीवीपी में जुड़ गए।
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