देहरादून(आरएनएस)। मंगलवार को राजभवन में केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में लद्दाख से आए सांस्कृतिक दल के कलाकारों द्वारा अपनी विविध सांस्कृतिक विरासत पर मनोहारी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। लद्दाख के कलाकारों ने वहां के वाद्य यंत्र कोपोंग की मधुर प्रस्तुति के साथ लद्दाखी लोक संगीत और सुप्रसिद्ध जबरू नृत्य का विशेष रूप से प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने प्रतिभाग करते हुए उपस्थित लद्दाख के सहित पूरे प्रदेश को स्थापना दिवस की बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने कलाकारों द्वारा प्रस्तुत लोकनृत्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रशंसा की। राज्यपाल ने कहा कि लद्दाख अपने सुदूर पहाड़ी सुंदरता और विशिष्ट संस्कृति के लिए प्रसिद्ध होने के साथ-साथ सामरिक और सैन्य दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह राज्य अपनी विशिष्ट कला, संस्कृति, अध्यात्म और राष्ट्रीय भावना से जुड़ा होने के साथ-साथ भौगोलिक दृष्टि से देश का मुखौटा है।
राज्यपाल ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन भारत की विविधता को एकता के रूप में दर्शाते हैं साथ में हम सब को एक परिवार के रूप में जोड़ने का कार्य करते है। उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रीय एकता दिवस भी है इस अवसर पर इस तरह के कार्यक्रम का एक अलग ही महत्व है। भारत की जीवंत संस्कृति की गतिशीलता हमारे सांस्कृतिक और राजनैतिक विकास को बड़ी प्रेरणा प्रदान करती है। इस कार्यक्रम में प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, सचिव श्री राज्यपाल रविनाथ रामन, विधि परामर्शी अमित कुमार सिरोही, अपर सचिव स्वाति एस भदौरिया, वित्त नियंत्रक डॉ तृप्ति श्रीवास्तव, लद्दाख से आए मुख्तार हुसैन, मुरूप नामग्याल सहित सांस्कृतिक दल के कलाकार और राजभवन के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।
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