(आरएनएस)
मेरठ 05 अक्तूबर(आरएनएस)। दौराला के इकलौता गांव की पारुल चौधरी और सरधना के बहादरपुर की बेटी अन्नु रानी के घर बधाई देने वालों की भीड़ लगी है। हर कोई बेटियों को आशीर्वाद दे रहा है। दोनों गांवों में जश्न का माहौल है। अब इनके स्वागत की तैयारी की जा रही है।
खिलाडयि़ों ने परिवार से जो वादा किया था, उसे जी जान लगाकर पूरा कर दिया। चीन के हांगझोऊ में आयोजित एशियन गेम्स में पारुल ने स्वर्ण व रजत और अन्नु रानी ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।
बुधवार को पंजाब नेशनल बैंक मंडल कार्यालय मेरठ से मंडल प्रमुख बद्री विशाल सिंह इकलौता गांव पहुंचे। उन्होंने पारुल चौधरी के परिजनों को सम्मानित किया। कहा कि पारुल ने देश का गौरव बढ़ाया है। पंजाब नेशनल बैंक हमेशा उभरती प्रतिभाओं का प्रोत्साहन करता है। इस मौके पर शाखा प्रमुख मटौर सनोज चौधरी, अश्वनी कुमार आदि मौजूद रहे। भाजपा नेता एवं पूर्व प्रमुख राहुल देव, मनोज चिरौड़ी पारुल चौधरी के आवास पर पहुंचे। उन्होंने पारुल के पिता कृष्णपाल व माता राजेश देवी को बधाई दी। इस मौके पर विनोद प्रजापति, रोहित राणा, जोन धनकड़ आदि मौजूद रहे।
सरधना विधायक अतुल प्रधान भी कार्यकर्ताओं के साथ पारुल के घर बधाई देने पहुंचे। वहीं रालोद नेता प्रशांत वर्मा और हार्वर्ड प्लास्टेड गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ. उपासना वर्मा ने पारुल और अन्नु रानी को बधाई दी।उन्होंने कहा कि बेटियां देश की शान हैं।मेरठ जैवलिन थ्रोवर अन्नु रानी की मां मुुन्नी देवी ने बताया कि बेटी जो वादा करके गई थी, उसे पूरा किया। जब उसे बुखार था तो वह काफी कमजोरी महसूस कर रही थी। लेकिन उसने मां से वादा किया था कि वह परिवार का सिर गर्व से ऊंचा करके ही लौटेगी। बुधवार को क्षेत्र के लोगों ने गांव बहादरपुर पहुंचकर अन्नु के माता-पिता को बधाई दी।
भारतीय मतदाता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित आदेश फौजी ने बताया कि वह पदक जीतने के बाद से बेटी के स्वागत की तैयारी में जुटे हैं। पिता अमरपाल का कहना है कि उन्हें बेटी के घर आने का बेसब्री से इंतजार है। ग्रामीण लगातार बेटी के लौटने की जानकारी ले रहे हैं। हर कोई बेटी को आशीर्वाद देने के लिए बेताब है।
उपलब्धियां
2014 एशियाई खेलों में कांस्य पदक।
2015 में एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक।
2017 में एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक।
2014 कामनवेल्थ गेम्स में प्रतिभाग।
2018 वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में फाइनल में जगह पक्की करने वाली पहली भारतीय बनीं।
आठ बार की राष्ट्रीय रिकॉर्ड होल्डर महिला एथलीट रहीं।
2022 वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जगह बनाई।
2022 कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक झटका
2023 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक।
जिले में एक भी सिंथेटिक ट्रैक नहीं, फिर भी छा गई पारुल
मेरठ । जिले में एक भी सिंथेटिक ट्रैक नहीं है, फिर भी पारुल छा गई। उसने 5000 मीटर दौड़ और 3000 मीटर स्टीपल चेज में पदक जीतकर इतिहास रच दिया। वह महिलाओं की 3000 मीटर दौड़ में 9 मिनट से कम का समय निकालने वाली पहली भारतीय धावक हैं।
दौराला के इकलौता गांव निवासी पारुल कभी नंगे पैर दौड़ती थी और 2011 से अपने स्कूल में 800 मीटर में प्रतिस्पर्धा करती थी। 5000 मीटर तक जाने से पहले 1500 मीटर और 3000 मीटर दौड़ को छोड़ा। उसके बाद पेशेवर रूप से प्रतिस्पर्धा में भाग लिया। इससे उन्हें 2015 में पश्चिम रेलवे में नौकरी पाने में मदद मिली। बैंकॉक में आयोजित एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 3000 मीटर स्टीपल चेज में स्वर्ण पदक जीता।
पारुल का व्यक्तिगत बेस्ट
2018 : 1500 मीटर दौड़
4:18:80 मिनट।
2022 : 3000 मीटर दौड़
8:57:19 मिनट।
2023 : 3000 मीटर स्टीपल चेज
9:15:31 मिनट।
2023 : 5000 मीटर दौड़
15:10:35 मिनट।
उपलब्धियां
2023 : एशियाई खेल में 5000 मीटर दौड़ में स्वर्ण।
2023 : एशियाई खेल 3000 मीटर स्टीपल चेज में रजत पदक।
2023 : एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 3 हजार मीटर स्टीपल चेज में स्वर्ण, 5000 हजार मीटर दौड़ में रजत।
2019 : एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 5 हजार मीटर दौड़ में कांस्य पदक।