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ब्रेकिंग न्यूज : हत्या का मुकदमा दर्ज होने के 25 दिन बाद भी हत्यारो को पकड़ने में नाकाम हो रही पुलिस

 

रुड़की। हत्या का मुकदमा दर्ज होने के पूरे 25 दिन बाद भी मंगलौर कोतवाली पुलिस हत्यारो को पकड़ पाना तो दूर उनकी पहचान भी नहीं कर पाई है। पुलिस मंगलौर पुलिस के इस ढीले रवैया से जहां मृतक के परिजनों में रोष उत्पन्न हो रहा है तो वही पुलिस पर भी सवालियां निशान खड़े हो रहे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलौर कोतवाली क्षेत्र निवासी राजपाल पुत्र प्रकाश चंद ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि उसका पुत्र वीशू उम्र 22 वर्ष 28 जुलाई की सायं चार युवक उसे बुलाकर ले गए थे। देर रात तक भी पुत्र के वापस ना आने पर परिजन परेशान हुए और उन्होंने उसकी तलाश आसपास की। इसी दौरान जब वह तलाश कर ही रहे थे कि उन्हें जानकारी मिली कि पुराना मंगलौर गंगनहर पुल निकट पिपलेश्वर महादेव मंदिर के पास कुछ युवकों ने उनके पुत्र के साथ मारपीट कर उसे नहर में फेंक दिया। मृतक के परिजन अगले दिन 29 जुलाई को मंगलौर चौकी पुलिस पहुंचे और दो नामजद तथा दो अज्ञात के खिलाफ चौकी पुलिस को हत्या करने की तहरीर दी थी। इतना ही नहीं मृतक के परिजनों ने पुलिस से पुत्र की तलाश के लिए जल पुलिस की भी मांग की थी और मौके पर जाकर जल पुलिस ने भी खानापूर्ति ही पूरी की थी। मृतकके परिजन पुत्र की तलाश के लिए नहर के इस घाट से लेकर उसे घाट तक स्वयं ही तलाश में जुटे थे। 1 अगस्त 2023 की सुबह उन्हें जानकारी मिली कि निरगांजनी पावर हाऊस थाना भोपा मुजफ्फरनगर में एक शव देखा गया है। सूचना पर परिजन मौके की ओर दौड़े और शव की शिनाख्त अपने पुत्र विशु के रूप में की। इसी समय मौके पर पहुंची मंगलौर पुलिस से जब उत्तर प्रदेश पुलिस ने बरामद शव की गुमशुदगी या नामजद रिपोर्ट मांगी तो वह दिखाने में नाकामयाब रहे इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने ही शव का पंचनामा भर शव को पोस्टमार्टम के लिए मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश के लिए भेज दिया। मृतक का पिता तभी से मंगलौर कोतवाली पुलिस में चक्कर काट रहा था लेकिन मंगलौर पुलिस में उसका मामला दर्ज नहीं किया। तंग और परेशान होकर पीड़ित पिता ने एसपी से मुलाकात कर मुकदमा दर्ज करवाने की गुहार लगाई। एसएसपी ने मामले की जांच मंगलौर सीओ को सौंपी। मंगलौर सीईओ ने मामले की जांच कर पुलिस को हत्या का मुकदमा दर्ज करने के आदेश चार दिन बाद दिए। सीओ मंगलौर के आदेश होने के एक सप्ताह बाद मंगलौर पुलिस ने नामजद मुकदमा दर्ज करते हुए कार्तिक पुत्र जोगिंदर, अंकुश उर्फ रावण पुत्र बिंदर निवासी थीथकी क्वादपुर कोतवाली मंगलौर वह दो अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। अब हत्या का मुकदमा दर्ज हुए 25 दिन का समय गुजर गया है लेकिन मंगलौर पुलिस हत्यारोपियो को पकड़ना तो दूर उनकी पहचान भी अभी तक नहीं कर पाई है। बताया गया है कि नामजद आरोपियो का आपराधिक इतिहास है लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस उन तक नहीं पहुंच पा रही है। जिसके चलते मंगलौर कोतवाली पुलिस पर भी अब सवालिया निशान उठने लगे हैं। मृतक के पिता ने यह भी बताया कि उसके पुत्र ने एनसीसी का बी सर्टिफिकेट भी प्राप्त कर रखा था इतना ही नहीं मृतक के द्वारा सेना में जाने के लिए तैयारी भी की जा रही थी।

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