देहरादून। माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षकों ने मंगलवार को शिक्षक दिवस पर अपनी मांगों को लेकर विधानसभा कूच किया। इस दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत भी शिक्षकों को समर्थन देने के लिए मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार को शिक्षकों की मांगें पूरी करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए अतिथि शिक्षक पहले बन्नु स्कूल में एकत्रित हुए। यहां से सभी ने विधानसभा के लिए कूच किया। शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी मांगें पूरी करने की मांग की। बैरीकेडिंग से करीब दो सौ मीटर पहले पूर्व सीएम हरीश रावत ने शिक्षकों से मुलाकात की और उन्हें अपना समर्थन दिया। इसके बाद वह बैरीकेडिंग तक शिक्षकों के साथ पैदल चले। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सरकार को शिक्षकों की मांग पूरी करनी चाहिए और उन्हें उचित मानदेय देना चाहिए। शिक्षक संघ के अध्यक्ष अभिषेक भट्ट ने कहा कि अतिथि शिक्षकों के लिए सरकार स्थाई नीति बनाए और समस्त 3700 के आसपास शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति मिले। अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार की पहली कैबिनेट में निर्णय हुआ था कि अतिथि शिक्षकों के पदों को रिक्त नही माना जाएगा। लेकिन इस पर कोई अमल नहीं हो पाया। जबकि सरकार ने इसे अपनी उपलब्धि बताया है। जिला प्रशासन और शासन के अधिकारियों और शिक्षक संघ के पदाधिकारियों के बीच मांगों को लेकर चार बजे के आसपास वार्ता हुई, जो विफल रही। इसके बाद शिक्षकों ने मौके पर ही डटे रहने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस होने के कारण उन्होंने शांतिपूर्वक अपनी मांगों को लेकर विधानसभा कूच करने का निर्णय लिया था। लकिन बुधवार को वह मांग पूरी नहीं होने का विरोध करेंगे। इस दौरान महामंत्री दौलत जगूड़ी, पुनीत पंत, उषा भट्ट, विजय पोखरियाल, विवेक यादव, विक्की रावत, आशीष जोशी, अजय कुमार भारद्वाज, दिनेश रावत, दिनेश लखेड़ा, सुंदर वर्मा, विनीता समेत विभिन्न जिलों से आए शिक्षक मौजूद थे।
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