देहरादून। चौदह साल की नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट से सरकारी ठेकेदार और उसकी पत्नी को 20-20 कठोर कारावास की सजा सुनाई। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दंपति पर 30 हजार का अर्थदंड भी लगाया है, इसमें 27 हजार रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे। यह मामला 2019 में तब सामने आया था, जब पीड़िता सात महीने की गर्भवती थी और बाद में उसने बच्चे को भी जन्द दिया था। शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार ने बताया कि 7 जनवरी 2019 को पीड़ित लड़की के पिता ने नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। बताया कि 14 वर्षीय पुत्री का स्वास्थ्य अचानक खराब हो गया। लड़की को उपचार के लिए डॉक्टर के पास लेकर गए तो वह सात महीने की गर्भवती निकली। लड़की से पूछताछ में पता चला कि अप्रैल 2018 में चकशाहनगर में रहने वाले ठेकेदार ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। उसने ठेकेदार की करतूत उसकी पत्नी को बताई तो दंपति ने उल्टे उसे ही इस बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दे दी। इसके बाद पीड़िता चुप रही। उसके गर्भवती होने पर इसका खुलासा हुआ। पिता की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी ठेकेदार चांद और उसकी पत्नी हुसनो जहां निवासी चकशाहनगर के खिलाफ दुष्कर्म, पोक्सो और जान से मारने की धमकी देने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। अभियोजन की ओर से कुल सात गवाह पेश किए गए। कोर्ट ने अदालत ने गुरुवार को आरोपी दंपति की सजा पर फैसला दिया। आरोपी सरकारी विभागों का ठेकेदार है। पीड़िता उसके घर कई बार कपड़ों पर प्रेस करने के लिए जाती थी, इसी दौरान ही उसने घिनौनी हरकत की।
18 फरवरी 2019 को पीड़िता ने जन्मा था बच्चा
शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार ने बताया कि गर्भवती पीड़िता ने 18 फरवरी 2019 को एक बच्चे को जन्म दिया था। बच्चे को कोर्ट के आदेश पर नवजात को शिशु सदन में रखा गया, जहां से उसे किसी दंपति के सुपुर्द कर दिया गया।