Sunday , November 24 2024
Breaking News

आज है सावन की शिवरात्रि, ऐसे करें भगवान शिव की पूजा

विकासनगर। सावन माह के शिवरात्रि शनिवार (आज) है। पछुवादन में मंदिरों को भव्य ढंग से सजा दिया गया है। आज शिवरात्रि के पावन पर्व के उपलक्ष्य में भगवान भोले का जलाभिषेक किया जाएगा। शिवरात्रि के पर्व को लेकर बूढ़ा केदारेश्वर मंदिर, प्राचीन शिव मंदिर कैनाल रोड, प्राचीन शिव मंदिर बाड़वाला, शिव मंदिर हरबर्टपुर, काली माता मंदिर अस्पताल रोड विकासनगर समेत अन्य शिव मंदिरों में जलाभिषेक की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अस्पताल रोड स्थित काली माता मंदिर के पुजारी प्रमोद जगूड़ी ने बताया कि शिवरात्रि को रात्रि पूजा का महत्व होता है, इसलिए श्रद्धालु शाम के समय भी जलाभिषेक करते हैं।

कांवड़िये हरिद्वार से लेकर आए गंगाजल

सेलाकुई मुख्य बाजार स्थित शिव मंदिर और हरबर्टपुर स्थित शिवालय में जलाभिषेक के लिए कांवड़िये हरिद्वार से गंगा जल लेकर आए हैं। जिसे दोनों ही मंदिरों में बड़े पात्र में रखा गया है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को जलाभिषेक के लिए गंगा जल दिया जाएगा।

ऐसे करें भगवान शिव की पूजा

पंडित प्रमोद जगूड़ी ने बताया कि पूजन के समय ओम नम: शिवाय का जाप करते रहें। सबसे पहले गणपति जी पर जल अर्पित करें और फिर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। पंचामृत बनाकर भी जल चढ़ा सकते हैं। इसके बाद मां पार्वती पर जल चढ़ाएं उन्हें सिंदूर अर्पित करें। उनकी श्रृंगार की सामग्री रखें। इसी प्रकार नंदी और कार्तिकेय का पूजन भी करें।

शिवलिंग पर इसलिए है जल चढ़ाने की परंपरा

पंडित जगूड़ी ने बताया कि समुद्र मंथन के समय सबसे पहले विष समुद्र से प्रकट हुआ और उस विष की भयंकर गर्मी से देवता, दैत्य समेत सारा संसार व्याकुल हो गया। तब भगवान विष्णु की प्रेरणा से भगवान शिव ने यह हलाहल विष पी लिया। उन्होंने इस विष को कंठ में धारण किया, जिससे उनका कंठ नीला हो गया इसलिए वह नीलकंठ कहलाए। राम नाम के स्थान पर उनके मुख से बम-बम निकलने लगा। तब देवताओं ने भगवान शिव को शांत करने के लिए शिव के मस्तक पर निरंतर जल चढ़ाया और कालांतर में भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में स्थापित किया। उसी समय से ही शिवलिंग पर जल चढ़ाने की परंपरा चली।

About admin

Check Also

क्या लगातार पानी पीने से कंट्रोल में रहता है ब्लड प्रेशर? इतना होता है फायदा

दिनभर की भागदौड़ और काम के चक्कर में हम सही तरह अपना ख्याल नहीं रख …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *