रुड़की। श्रावण महीने के पहले सोमवार को शिवभक्तों ने शिवालयों में जलाभिषेक कर भोले का आशीर्वाद लिया। इसके बाद शिवरात्रि पर जलाभिषेक किया जाएगा। गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से श्रावण मास की कांवड़ यात्रा शुरू होती है। इस बार यात्रा चार जुलाई से शुरू हुई। श्रावण मास के पहले सोमवार को स्थानीय श्रद्धालुओं सहित कांवड़ियों ने भी शिवालयों में पहुंचकर जलाभिषेक कर भोले की आराधना की। चौदह जुलाई को शाम साढ़े आठ बजे से शिवरात्रि पर जलाभिषेक शुरू होगा। श्रावण के सोमवार और श्रावण शिवरात्रि पर जलाभिषेक का विशेष महत्व बताया गया है।
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