रुद्रपुर। किच्छा से विधायक और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता तिलकराज बेहड़ ने कहा है कि किच्छा में खनन माफिया ने एनएचएआई के सरकारी दस्तावेजों की आड़ में 40 लाख की मिट्टी खोदकर बेच दी। जबकि दो लाख रुपये से भी कम की रॉयल्टी जमा की गई। उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकारी तालाबों की खुदाई के नाम पर अधिकारियों से मिलीभगत कर करोड़ों का घोटाला किया गया है। उन्होंने किच्छा क्षेत्र में खोदे गए सभी तालाबों की जांच की मांग की है। शुक्रवार को इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी उदयराज सिंह को ज्ञापन दिया।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बेहड़ ने कहा कि किच्छा के ग्राम महाराजपुर के समीप राजस्व ग्राम श्रीपुर में एक तालाब खुदान का कार्य चल रहा था। यह कार्य सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, एनएचएआई के नाम से कराया जा रहा था। इसकी रॉयल्टी चार्ज लगभग 2 लाख रुपये से भी कम जमा कराया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि तालाब खुदान का कार्य सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को दरकिनार कर किया जा रहा था। मानकों के आधार पर 1000 घन मीटर के क्षेत्रफल पर खुदान होने की परमिशन ली गयी थी, लेकिन इसकी आड़ में इसका 20 गुना खुदान कर दिया गया। सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खनन माफिया ने अवैध रूप से लगभग 40 लाख रुपये की मिट्टी निकालकर बाजार में बेची। तालाब से लगी एक नदी से भी अवैध रूप से रेता निकाला गया। इससे सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की हानि भी हुई।
बेहड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इसकी जांच करने का आग्रह किया गया था। इस पर अपर जिलाधिकारी और खनन विभाग ने जांच की थी। 12 लाख का जुर्माना भी लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि किच्छा के देवरिया, पक्की खमरिया, मलसी, कुर्रेया, भंगा, छिनकी, सैंजना, रायपुर जैसे गांवों में अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी तालाब खोदने के नाम पर करोड़ों का घोटाला किया गया है। इसमें सरकारी मानकों की पूर्णरूप से अनदेखी की गयी है। सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है। उन्होंने जिलाधिकारी से तत्काल प्रभाव से किच्छा विधानसभा क्षेत्र के समस्त खोदे गए तालाबों के हुए खुदानों की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जांच में करोड़ों का घोटाला साफ तौर पर निकलकर सामने आ जाएगा।