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खाना खाने के बाद कई बार मुंह से बदबू आती है, इसलिए तरोताजा महसूस करने के लिए माउथ फ्रेशनर का सेवन किया जाता है। वैसे तो बाजार में कई तरह के स्वाद वाले माउथ फ्रेशनर आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन बाहर से खरीदी हुई चीज से अच्छा है कि आप प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल अधिक करें। आइये आज हम आपको घर पर मौजूद 5 ऐसी चीजें बताते हैं, जिन्हें आप माउथ फ्रेशनर के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
पुदीने की पत्तियों का करें सेवन
पुदीने का इस्तेमाल माउथ फ्रेशनर के रूप में किया जा सकता है। इसकी पत्तियों को चबाने से मुंह तरोताजा हो जाता है और इससे सांसों की दुर्गंध और खाने के बाद मुंह की दुर्गंध से भी छुटकारा मिलता है। इस कारण यह कई तरह के टूथपेस्ट में भी एक महत्वपूर्ण तत्व होता है। यह विटामिन- ए और सी, आयरन, मैग्नीशयम और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण से भरपूर होता है, जो मुंह में मौजूद गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मार सकते हैं।
गुलकंद भी आएगा काम
गुलकंद को गुलाब की पंखुडिय़ों से बनाया जाता है, जिसमें मिठास के साथ खुशबू होती है। यह भोजन में स्वाद बढ़ाने के अलावा मुंह में ठंडक प्रदान कर सकता है, जिससे आपकी सांसें ताजा हो जाती हैं। इसके अलावा यह एसिडिटी, गैस और कब्ज जैसे पाचन संबंधी परेशानियों के इलाज में भी प्रभावी है। नियमित रूप से 2 चम्मच गुलकंद के सेवन से स्वास्थ्य को कई अन्य फायदे भी मिल सकते हैं।
लौंग भी है फायदेमंद
लौंग एंटी-बैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होता है, जो मसूड़ों से खून आने और दांतों की सडऩ जैसी कई मुंह की दिक्कतों से निजात दिलाने में मदद करता है। यह आपके मुंह के बैक्टीरिया को कम करने के साथ ही सांसों की बदबू और सूखेपन को भी दूर करता है। बेहतर परिणाम के लिए लौंग को चबाने की बजाय मुंह में रखकर चूसते रहिए। आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर लौंग के सेवन से ये फायदे भी मिलते हैं।
दालचीनी का करें इस्तेमाल
रसोई में मौजूद दालचीनी भी सांसों की बदबू को दूर करने में आपकी मदद कर सकती है। यह एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर है। यह मुंह में उन बैक्टीरिया से लडऩे में सक्षम होते हैं, जो दांतों को खराब और गंध पैदा कर सकते हैं। लौंग की तरह ही दालचीनी का एक छोटा-सा टुकड़ा अपने मुंह में रखें और इसे थूकने से पहले इसका रस अच्छे से चूस लें। दालचीनी से ये स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाए जा सकते हैं।
तुलसी के पत्ते हैं कारगर
तुलसी का पौधा लगभग हर घर में आसानी से मिल जाता है क्योंकि बहुत लोग इस पौधे की पूजा करते हैं। आयुर्वेद में तुलसी का इस्तेमाल कई परेशानियों को ठीक करने के लिए किया जाता है, जिनमें से एक सांसों की दुर्गंध को दूर करना भी शामिल है। लाभ के लिए आप धूप में सुखाई गई तुलसी की पत्तियों के पाउडर से ब्रश कर सकते हैं या फिर इसकी कुछ ताजी पत्तियों को चबा सकते हैं।