देहरादून । उत्तराखंड के उद्योगों में रोजगार के अवसरों में पिछले एक साल में पचास प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में जहां 35,990 युवाओं को निजी उद्योगों में रोजगार मिला था। वहीं 2022-23 में ये आंकड़ा घटकर महज 16,480 पर सिमट गया। इसकी वजह है कि राज्य में पिछले साल में एक भी बड़े और मध्यम उद्योग की स्थापना नहीं हो पाई।
इसके साथ ही लघु और सूक्ष्म उद्योग के निर्माण में भी भारी गिरावट आई है। लघु उद्योग केवल 15 ही शुरू हो पाए हैं। इस बात का खुलासा अर्थ एवं संख्या निदेशालय की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में हुआ है। राज्य की आर्थिक गतिशीलता और युवाओं को रोजगार देने में निजी क्षेत्र के उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इनसे जहां एक ओर राज्य की आर्थिक स्थिति बेहतर होती है। वहीं युवाओं की रोजगार के लिए सरकारी क्षेत्र पर निर्भरता कम होती है, लेकिन अर्थ एवं संख्या निदेशालय से जारी रिपोर्ट में वर्ष 2022-23 में उत्तराखंड में पिछले एक साल में उद्योगों में रोजगार के अवसर बढ़ने की बजाय कम हुए हैं। वहीं उद्योगों की बात करें तो पिछले वर्ष की तुलना में इस साल 694 सूक्ष्म उद्योग कम शुरू किए गए हैं। प्रदेश में नए उद्योगों की कमी से युवाओं को रोजगार के लिए राज्य के बाहर पलायन करना पड़ रहा है।
उद्योगों की स्थापना में पूंजी निवेश में भी भारी कमी
राज्य में उद्योगों को शुरू करने के लिए होने वाले पूंजी निवेश में भी भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन सालों से राज्य में पूंजी निवेश घट रहा है। पिछले तीन सालों में भारी कमी दर्ज हुई है। आंकड़ों के अनुसार 2019-20 में जहां 1731.15 करोड़ का निवेश हुआ था तो वहीं 2022-23 में केवल 398.44 करोड़ का निवेश ही किया गया है। निवेश कम होने से राज्य में नए उद्योगों की स्थापना में कमी आई है।
वर्ष वृहद मध्यम लघु सूक्ष्म उद्योग पूंजी निवेश सृजित रोजगार
(करोड में)
2020-21 02 29 250 3990 909.48 22387
2021-22 00 106 252 4715 871.50 35990
2022-23 00 00 15 4021 398.44 16480