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अब जोशी के वीडियों ने कर दिया बबाल, कांग्रेस ने किया सवाल

देहरादून।  कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा ऋषिकेश में सरेआम अपने ही कार्यकर्ता की पिटाई का प्रकरण अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अब दूसरे मंत्री गणेश जोशी की वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें वह मूकदर्शक बनकर एक व्यक्ति की आठ से दस लोगों से पिटाई होते हुए देख रहे हैं और कुछ नहीं कर रहे हैं। इस घटना की उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि मंत्री पद ग्रहण करते समय संविधान की शपथ लेकर तो जनता की रक्षा की सौगंध खाते हैं, लेकिन अपनी आंखों के सामने जो गरीब जनता पीट रही हो, तो ना बीच-बचाव करते हैं और ना ही पुलिस प्रशासन को इत्तला करते हैं।

माहरा ने कहा कि आज उत्तराखंड में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ रही हैं और यह तार-तार करने वाले कोई और नहीं, बल्कि भाजपा के तथाकथित जनप्रतिनिधि या जनता के सेवक हैं। उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी की सच्चाई से पूरा प्रदेश वाकिफ है। किस तरह से उन्होंने अंसल ग्रीन वैली में अपने पार्षदों से एक व्यापारी के घर में हमला करवाया। उस दिन सत्ता का नंगा नाच और दुरुपयोग खुल्लेआम देखने को मिला। व्यापारी के ऊपर पेट्रोल भी छिड़का गया। उसकी पत्नी को और बच्चे को शारीरिक रूप से चोट भी पहुंचाई गई। कानून व्यवस्था का यह हाल है कि जिस व्यापारी के घर में हमला हुआ, उसी पर धारा 307 लगा दी गई।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की शर्मनाक वीडियो के बचाव में भी भाजपा यही कहती नजर आई कि प्रेमचंद अग्रवाल के ऊपर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उनके कार्यकर्ता ने हमला कर दिया था। आज फिर भाजपा के द्वारा कुतर्को से गणेश जोशी को बचाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। म्हाकांग्रेस तो पहले ही कह चुकी थी कि भाजपा का जनसंपर्क अभियान नहीं यह प्रायश्चित अभियान होना चाहिए। क्योंकि जब जनता को जरूरत थी, यह सभी नेता नदारद रहे। युवा सड़कों पर लाठी खाते रहे। जोशीमठ के प्रभावित इनका इंतजार करते करते थक गए।

माहरा ने मंत्री की नैतिकता पर सवाल उठाते हुए कहा की पूरे घटनाक्रम पर मंत्री मूकदर्शक बने रहे। अच्छा होता यदि वह पुलिस प्रशासन को सूचित करते। मंत्री के पास सुरक्षाकर्मियों की एक लंबी चौड़ी फौज होती है। वह सुरक्षाकर्मी क्या कर रहे थे। स्वयं मंत्री भी वीडियो में किसी को रोकते हुए नहीं दिखाई पड़ रहे हैं। इस घटनाक्रम में कौन सही था कौन गलत। यह बाद की बात थी, परंतु इस तरह से कानून अपने हाथ में लेना किसी के लिए भी न्यायोचित नहीं है। करन माहरा ने पूरे घटनाक्रम की निंदा करते हुए कहा कि यह समस्त उत्तराखंडवासियों के लिए शर्मनाक बात है कि एक मंत्री की उपस्थिति में कोई इतनी बुरी तरह से पिट जाए। फिर पुलिस पीटने वालों को ना ले जाकर पीड़ित को ही पकड़ कर ले जाए। आज उत्तराखंड में जंगलराज जैसी स्थिति हो गई है। आज उत्तराखंड की जनता खून के आंसू रो रही है कि कमल का फूल उनकी भूल था।

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